नागपुर:- रविवार 8 मई को विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन सभागृह में आदर्श बहुउद्देशिय शिक्षण संस्था द्वारा संचालित आदर्श पाठशाला तथा आदर्श महिला मंच ने मातृत्व दिवस(Mother’s Day) शुभ उपलक्ष्य पर माताओं का सम्मान किया। समारोह में बच्चों ने मां के विषय में कविता, गीत और नृत्य प्रस्तुत किए। बच्चों द्वारा माताओं को गिफ्ट प्रदान किए गए। बच्चों को संस्था ने अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए पुरस्कार दिए। मातृत्व दिवस पर माताओं ने अपनी के अपनी मां के प्रति आदर व्यक्त किया मां के विषय में बताते हुए वे भावविभोर हो चुकी थी।
आदर्श पाठशाला संस्था गरीब बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए काम करती है। संस्था के सदस्य झुग्गी – झोपडिय़ों में जाकर समय- समय पर बच्चों को पढ़ाते हैं। इसके अलावा गेम्स आदि प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। संस्था की ओर से मातृत्व दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सभी बच्चों की मां काे भी बुलाया गया था। संस्था जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क शिक्षा देती है। संस्थाकी संस्थापक तथा सचिव ज्योती द्विवेदी ने कहा की धरती पर हर इंसान मां के बगैर नहीं रह सकता मां के बिना तो स्वयं भगवान भी धरती पर नहीं आ पाए थे। सभी माताओं का सम्मान करना मेरे लिए गर्व की बात हैं।
रविवार को हुए कार्यक्रम में सौ. हेमलता मिश्रा (ज्येष्ठ कवयित्री), सौ. वंदना बड़वाईक (प्रिंसिपल, नूतन भारत विद्यालय), श्रीमती सोनिया गड़ी (समाजसेविका), स्वाति वंजारी (समाजसेविका), शालिनी कंगाली (पूर्व सरपंच, बेसा) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। चाइल्ड आर्टिस्ट कुमारी साची सुनील अरमरकर ने विशेष अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाई। अश्विनी मेश्राम, ममता शर्मा, अपेक्षा मिश्रा, शिल्पा शाहीर, मेघा साल्वे, स्मिता दुबे, शिल्पा तिवारी, स्वीटी मिश्रा, अर्चना पांडे, रोहिणी दहिवले, इनका सम्मान किया गया। शाश्वत मिश्रा ने मां के विषय में कहा की हमें मां के कामों में हाथ बटाना चाहिए जैसे की घर के कामों में हेल्प करना और मां की शॉपिंग बैग पकड़ना आदी। वंदना बड़वाईकजी के छात्र राहुल सिंह ने बहुत ही उम्दा शब्दो में मां और प्राचीन समय से ही मां का क्या महत्व है, हमें मां के चरण स्पर्श किस तरह करना चाहिए इसका महत्व बताया और वंदनाजी के बेटे पलाश बडवाईक ने मां किस तरह मुझे और उन्होंने जो बच्चे गोद लिए है उन्हे संभालती हैं और प्यार देती हैं यह बताया। लव्या गड़ी ने बहुत खूबसूरती से मां के स्वभाव को व्यक्त किया मां हमें बहुत प्यार से संभालती हैं यह बताया। सभी माताओं के आँखों आसुं छलक उठे जब बच्चों ने माँ के प्रति प्यार सम्मान प्रकट किया। कौशिकी द्विवेदी ने कहा की मां जब एक बच्चे को जन्म देती हैं तो वो बच्चा भी एक मां को जन्म देता है. प्यारी सी बच्ची दित्त्या मिश्रा ने नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का आयोजन श्रीमती ज्योती द्विवेदी ने किया संचालन सौ .सुष्मा पारकर आभार प्रदर्शन अनघ मेश्राम ने किया। विशेष सहयोग आर.पी. शर्मा एवं बबलू शर्मा ने किया। दुर्गेश दीक्षित, आदर्श द्विवेदी, मिश्रा, गौरव मिश्रा , प्रथिनव मेश्राम एवं अन्य समारोह में उपस्थित थे।