भ्रष्टाचार को लेकर दिंडी आंदोलन
नागपुर समाचार : विधानसभा परिसर में शीत सत्र अधिवेशन के दूसरेश्रसप्ताह के दूसरे दिन की शुरुआत वारकरी दिंडी के अंदाज में हुई. विपक्ष में शामिल महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के नेतृत्व में परिसर में दिंडी यात्रा निकाली. दिंडी में राज्य कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार और चारागाह मामले, खोके-बोके जैसे कई मामलों पर मंजीरे बजाकर नाचते-गाते नारे लगाये गये.
मंजीरों के नाद से गूंजा परिसर : विस परिसर में सुबह करीब 9.30 बजे विधान परिषद के पास से दानवे, रोहित पवार, यशोमति ठाकुर समेत महाविकास आघाड़ी के कुछ नेताओं में सिर पर वारकारी टोपी और गले में मंजीरों बांधकर भजन केअंदाज में नारेबाजी शुरू की. जिस प्रकार वारकरी दिंडी निकलती है, उसी प्रकार रोहित पवार व यशोमति ठाकुर ने नेताओं के साथ फुगड़ी खेलकर सत्ता पक्ष को चिढ़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ा.
इसके बाद पूरा दल मंजीरे बजाता और गाते हुए विधानभवन की सीढ़ियों पर पहुंचा. यहां से तो जैसे सारा नजारा वारकरी विपक्ष जैसा हो गया. मंजीरों की आवाज सुनकर कुछ ही देर के विधानभवन में बैठे अजीत पवार, नाना पटोले, छगन भुजबल, सुनील केदार, आदित्य ठाकरे, अशोक चव्हाण समेत एमवीए के सभी नेता सीढ़ियों पर जमा हो गये. समेत एमवीए के सभी नेता एक स्वर में ‘किसान है हैरान, सत्तार खाये गायरान’, खोके लो, बोके लो, कभी 50 करोड़ कभी 82 करोड़ के खोके लो, महाराष्ट्र को बेच खाओ जैसे नारों के साथ विपक्ष के खिलाफ जोरदार आंदोलन किया. सुबह 11 बजे विधान सभा की कार्यवाही होने तक मंजीरों के नाद, विपक्षी नेताओं के नारों और तालियों से पूरा विस परिसर गूंजता रहा.