अरण गवली : फाईल फोटो
नागपुर समाचार : शिवसेना के पार्षद कमलाकर जामसांदेकर की हत्या के मामले में नागपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे मुंबई के डॉन अरुण गवली की ओर से फर्लो की छुट्टियों के लिए आवेदन किया गया था. नियमों के अनुसार अर्जी पर निर्णय नहीं लिए जाने के कारण अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. जिस पर मंगलवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश रवि देशपांडे और न्यायाधीश विनय जोशी ने जहां जेल अधीक्षक और डीआईजी जेल को नोटिस जारी किया, वहीं अगली सुनवाई के पूर्व अर्जी पर निर्णय लेने के आदेश भी जारी किए. गवली की ओर से अधि. मीर नागमन अली ने पैरवी की.
7 माह से लंबित है अर्जी
सुनवाई के दौरान अधि. अली ने कहा कि फर्लो पर छुट्टी के लिए याचिकाकर्ता की ओर से 30 नवंबर 2019 को आवेदन किया गया था, किंतु 7 माह बीत जाने के बावजूद अब तक इस पर जेल अधिकारियों की ओर से निर्णय नहीं लिया गया है. जबकि सरकार के अध्यादेश के अनुसार फर्लों की अर्जी पर 45 दिनों में निर्णय लिया जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि हाल ही में गवली को पेरोल पर छुट्टी प्रदान की गई थी.
जेल में किया समर्पण
मुंबई में जाने के बाद अचानक लाकडाऊन के चलते वापस सेंट्रल जेल पहुंच पाना संभव नहीं होने का हवाला देते हुए पेरोल की अवधि बढ़ाने का अनुरोध अदालत से किया गया था. अदालत ने हर हाल में सेंट्रल जेल में समर्पण करने के आदेश दिए थे. जिसके अनुसार 3 जून को गवली ने सेंट्रल जेल में सर्म्पण किया था. अब फर्लों की छुट्टियों के लिए लंबित आवेदन को लेकर नई याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई. जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किए