राष्ट्रीय समाचार : इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा है कि अंतरिक्ष एजेंसी देश के महत्वाकांक्षी सौर मिशन आदित्य-एल1 के कल के प्रक्षेपण के लिए तैयार हो रही है और इसके प्रक्षेपण की उल्टी गिनती आज यानी 1 सितंबर से शुरू होगी।
सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला का प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष स्टेशन में 11.50 बजे निर्धारित है। इसके तहत उपग्रह को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु L1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है।
लैग्रेंज बिंदु तक पहुंचने में लगभग चार महीने लगेंगे। एल1 बिंदु के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा का लाभ यह है कि उपग्रह ग्रहण जैसी अन्य खगोलीय गतिविधियों से किसी भी बाधा के बिना सौर गतिविधियों का निरीक्षण कर सकता है।
आदित्य एल1 मिशन का उद्देश्य सौर हवाओं और सूर्य के वातावरण का अध्ययन करना है। यह प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों अर्थात् कोरोना का निरीक्षण करने के लिए सात पेलोड ले जाएगा।
इससे कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियों, मौसम की गतिशीलता, अंतरग्रहीय माध्यम में कणों और क्षेत्रों के प्रसार के अध्ययन की समस्याओं को समझने में मदद मिलेगी।