नागपुर समाचार : हलबा-हलबी जमाती ने अपनी मांगों को लेकर भव्य मोर्चा निकाला. हजारों की संख्या में मोर्चे में शामिल हुए हलबा समाज ने अपनी ताकत दिखाई और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. हलबा समाज के कई नेता और वरिष्ठ नागरिकों ने मोर्चे का नेतृत्व किया. यहां तक सत्ताधारी भाजपा के पदाधिकारी और नेता भी सरकार की अनदेखी के खिलाफ जमकर बिफरे. हलबाओं के पुराने अभिलेख में कोष्टी (विणकरी) व्यवसाय दर्ज किया गया है.
इस अभिलेख को सुधारने की सिफारिश केंद्र सरकार से करने, केंद्रीय कानून क्र. 108/1976 के अनुसार महाराष्ट्र के सभी आदिवासियों को 1976 के जाती और रहवासी अभिलेख को देखते हुए जात व वैधता प्रमाणपत्र देने, लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में उम्मीदवारों को जात वैधता प्रमाणपत्र लागू नहीं है.
यही निर्णय स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों में लागू करने, राज्य सरकार के अनुसूचित जमाती कर्मचारियों की सेवा अधिसंख्य पद पर डाल दी गई. उन्हें नियमित कर सभी सरकारी लाभ देने, महाराष्ट्र की सभी जातियों की जाती आधार पर जनगणना करने, हलबाओं का विणकरी व्यवसाय डूब चुका है.
इसीलिए हलबा जमाती के बेरोजगार युवकों के लिए 1 हजार करोड़ का रोजगार निर्मिति महामंडल स्थापन करने सहित विविध मांगों को लेकर शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलकर निवेदन सौंपा. सीएम ने जल्द से जल्द केंद्र सरकार को सिफारिश भेजने और सभी मांगों पर जल्द से जल्द निर्णय लेने का आश्वासन दिया.