नागपुर समाचार : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग, इंडियन अकादमी ऑफ ट्रॉपिकल सेंट पैरासिटोलॉजी, विदर्भ एसोसिएशन ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट के संयुक्त तत्वाधान में एम्स में 13 जनवरी से दो दिवसीय महाट्रेपकॉन परिषद का आयोजन किया गया है। इस संबंध में आयोजित पत्र परिषद में शिक्षा विभाग अधिष्ठाता डॉ. मृणाल पाठक ने बताया कि परिषद की संकल्पना क्लिनिकल परजीवी विज्ञान और माइक्रोस्कोपी के परे जाकर विचार करने पर आधारित है।
वन हेल्थ संकल्पना : डॉ. पाठक ने बताया कि दुनिया में हर साल विविध कार्यों के चलते करोड़ों लोग स्थलांतरित होते हैं। इनमें से दो करोड़ लोगों को स्थलांतरण के दौरान खानपान से, मच्छरों से अथवा अन्य जीव-जंतुओं के काटने से बीमारियां होती हैं। इन बीमारियों की जांच समय पर अत्याधुनिक मशीनों से करने पर उपचार आसानी से किया जा सकता है। इससे संक्रमण फैलने की संभावना नहीं होगी। एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. मीना मिश्रा ने कहा कि यह परिषद वन हेल्थ संकल्पना पर आधारित है। इसमें माइक्रोबायोलॉजी क्षेत्र में हुई प्रगति के बारे में जानकारी दी जाएगी। डॉ. राजेंद्र सुरपाम ने बताया कि परिषद में देशभर से 300 से अधिक चिकित्सा सूक्ष्म जीवशास्त्रज्ञ उपस्थित रहेंगे। इस विषय से संबंधित शोध, अनुसंधान, चर्चा आदि का आयोजन किया गया है।
457 ग्रापं में पहुंची विकसित भारत संकल्प यात्रा : सरकार की विविध योजनाओं की जानकारी अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने तथा उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाने केंद्र सरकार के निर्देश पर विकसित भारत संकल्प यात्रा निकाली गई है। नागपुर जिले में 768 ग्राम पंचायत हैं, उनमें से अभी तक 457 ग्राम पंचायतों में यात्रा पहुंच चुकी है। 26 जनवरी तक अभियान चलाकर सभी गांवों में पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।
ढाई हजार गांवों से संपर्क : नागपुर विभाग में चलाई जा रही विकसित भारत संकल्प यात्रा का विभागीय आयुक्त िवजयलक्ष्मी बिदरी ने जायजा लिया। 3616 ग्राम पंचायतों में से 2589 ग्राम पंचायतों का यात्रा के माध्यम से संपर्क किए जाने की जानकारी दी गई। संकल्प यात्रा में 15 लाख 25 हजार 360 नागरिकों में सहभाग लिया। 3 लाख 74 हजार 486 नागरिकों ने स्वास्थ्य जांच कराने का प्रशासन ने दावा किया है। संकल्प यात्रा के माध्यम से दी जा रही विविध योजनाओं का व्यक्तिगत लाभ उठाने का विभागीय आयुक्त ने नागरिकों से आह्वान किया है।