जनवरी तक सभी पुलिसकर्मियों की छुटि्टयां रद्द
नागपुर समाचार : अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर शहर में भी कई समारोह आयोजित किए गए हैं। अनहोनी की आशंका से शहर में शनिवार को रात 8 बजे से तगड़ा बंदोबस्त तैनात कर दिया गया है। थानास्तर पर गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। असमाजिक तत्वों को किसी भी सूरत नही बक्शने की चेतावनी दी गई है। उधर गणतंत्र दिवस के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के दृष्टि से सभी पुलिस कर्मियों की छुटि्टयां 28 जनवरी तक रद्द कर दी गई है।
संदिग्ध गतिविधियों पर रहेगी कैमरे से नजर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि, बंदोबस्त को लेकर उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों से मंत्रणा की है। दो-तीन बार बैठकों का दौर चला। उन्होंने बताया कि, 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन शहर में करीब 600 से 700 रैलियां निकलने वाली हैं। कई स्थानाें पर महाआरती, शोभायात्रा व लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई है। इसे लेकर थानास्तर पर बंदोबस्त तैनात करने व गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए करीब साढे तीन हजार बल को बंदोबस्त में उतारा गया है।
दंगा निरोधक दस्ता व क्यूआरटी तैनात
दंगा निरोधक दस्ता, क्यूआरटी आदि को तैनात किया जा रहा है। शनिवार को रात आठ बजे ही बंदोबस्त तैनात कर दिया गया है। सीसीटीवी कैमरे से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने असमाजिक तत्वों को चेतावनी दी कि, उन्हें किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा। शहरवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
गंदगी फैलाने के 90 मामले दर्ज
उधर मनपा के उपद्रव शोध पथक ने सार्वजनिक स्थानों पर कचरा डालने और 50 मायक्रॉन की प्रतिबंधित कैरीबैग का इस्तेमाल करने के मामले में शनिवार को 90 मामले दर्ज कर 54,600 रुपए दंड वसूल किया। शहर को स्वच्छ सुदंर बनाए रखने के लिहाज से रास्ते, फुटपाथ पर कचरा डालने और प्लास्टिक कैरीबैग का इस्तेमाल करने वाले नागरिक और दुकानदारों पर दंडात्मक कारवाई की जा रही है। पथक ने हाथगाड़ी, स्टॉल्स, पानठेले, फेरीवालों के 25 मामलों में 10 हजार रुपए, दुकानदाराें के रास्त, फुटपाथ, खुली जगह पर कचरा डालने के 2 मामलों में 800 रुपए, रास्ते पर मंडप, कमान, स्टेज लगाकर रास्ता बंद करने के 8 मामलों में 18,500 रुपए सहित 90 मामलों में 54,600 रुपए दंड वसूल किया है। कार्रवाई पथक के वीरसेन तांबे के नेतृत्व में की गई।