नागपुर समाचार : केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर दौड़ने वाली गाड़ियों से कार्बन उत्सर्जन और उससे होने वाले प्रदूषण चिंता का विषय बन गया है. इन ईंधनों में इथेनॉल, मिथेनॉल जैसे घटक को पर्यायी ईंधन के तौर पर उपयोग किया जा सकता है. कोल गैसिफिकेशन को प्राथमिकता देते हुए रॉयल्टी पर पुनर्विचार का समय आ गया है. इसके अलावा जहां खदान, वहां बिजली उत्पादन को गति दी गई तो यातायात पर होने वाले खर्च को बचाकर बिजली उत्पादन की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है. एसोसिएशन फॉर इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट (एड) की ओर से आयोजित खासदार औद्योगिक महोत्सव एडवांटेज विदर्भ के दूसरे दिन रविवार को कोल गैसिफिकेशन विषय पर चर्चा सत्र का आयोजन किया गया. इस दौरान गडकरी मार्गदर्शन कर रहे थे.
कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट, नीति आयोग के सदस्य पद्मविभूषण डॉ. विजयकुमार सारस्वत, केंद्रीय सचिव अमृतलाल मीणा, कोल इंडिया के अध्यक्ष पी. एम. प्रसाद, एम. के. सिंह, बालासाहब दराडे, सोलर इंडिया के चेयरमैन सत्यनारायण नुवाल, डॉ. जितेंद्र शर्मा शामिल हुए.
अमृतलाल मीणा ने कहा कि कोयला उत्खनन 14 फीसदी बढ़ा है. फिर भी डिमांड बढ़ने की वजह से आयात किया जा रहा है. कम व निम्न दर्जे के कोयले के उत्खनन के लिए खदान की जमीन दीर्घकाल के लिए लीज पर देकर सरकार गैसिफिकेशन को प्राथमिकता दे रही है. कमर्शियल कोल पर भी 10 फीसदी राजस्व सब्सिडी सरकार दे रही है.
कोयले की खपत कम करनी होगी
नीति आयोग के सदस्य डॉ. विजयकुमार सारस्वत ने कहा कि मिशन कार्बन जीरो का लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कोयल की खपत को कम करना पड़ेगा. दोयम दर्जे की कोयला खदानों में घरेलू गैस, मिथेनॉल, अमोनियम नाइट्रेट, कार्बन जैसे रासायनिक गैसों को तैयार कर पर्यायी ईंधन के निर्यात पर जोर देने का काम करना होगा. ताकि भारत निर्यात के क्षेत्र में अग्रसर हो.
तकनीकी दक्ष युवाओं को मौका
केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 10 वर्षों में 11 वें स्थान से बढ़कर 5 वें स्थान पर पहुंच चुका है. इनोवेशन के इस युग में रक्षा विभाग में तकनीकी तौर पर सक्षम युवाओं को अवसर दिया जा रहा है. आधुनिकीकरण और मेक इन इंडिया पर केंद्र सरकार का जोर है.