नागपुर/वर्धा समाचार : वर्धा जिले के हिंगनघाट मनोरा निवासी 23 साल का मनोज शेंडे कुछ दिन पहले दोपहिया से नागपुर आया था। वापस लौटते समय अचानक रास्ते में एक गड्ढ़ा आने से उसके वाहन का संतुलन बिगड़ा और वह नीचे गिर पड़ा। उसके सिर पर गंभीर चोट आयी। उसे तुरंत एम्स में भर्ती कराया गया, जहां उसका दो दिन उपचार चला। उपचार को प्रतिसाद नहीं मिला। डॉक्टरों ने सभी तरह की जांच की। जांच के बाद उपचार भी शुरू किया। बाद में उसके मस्तिष्क में रक्तस्त्राव होने का पता चला। जिसके कारण उपचार को प्रतिसाद नहीं मिल रहा था। उसकी हालत बिगड़ने लगी थी। अंतत: डॉक्टरों की टीम ने उसका ब्रेन डेड होने की पुष्टि की। इसकी जानकारी परिजनों व रिश्तेदारों की दी गई।
अंगदान समन्वयक प्रीतम त्रिवेदी और प्राची खैरे ने परिजनों को अंगदान के लिए समुपदेशन किया। मनोज का बड़ा भाई सूरज ने अंगदान के लिए अनुमति दी। इसके बाद दोनों किडनी व लिवर दान करने का निर्णय लिया गया। इसकी जानकारी विभागीय अंग प्रत्यारोपण समिति को दी गई। समिति ने आगे की प्रक्रिया पूरी करते हुए जरूरतमंदों की सूची की पड़ताल की। सूची के अनुसार एक किडनी एम्स में पुरुष मरीज पर, दूसरी किडनी वोक्हार्ट अस्पताल में पुरुष मरीज पर और लिवर एलेक्सिस असपताल में एक पुरुष मरीज पर प्रत्यारोपित किए गए। जिले में 2013 से अब तक 133वां अंगदान हो चुका है। यह जानकारी विभागीय अंग प्रत्यारोपण समन्वय समिति के अध्यक्ष डॉ. संजय कोलते व सचिव डॉ. राहुल सक्सेना ने दी है।