नागपूर समाचार : कलेक्टर डॉ विपीन इटनकर ने जिले में मानसून की प्रकृति और उसके बदलावों को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिए है कि सभी विभाग प्रमुख अन्य विभागों के साथ समन्वय कर उचित योजना और सतर्कता बरतें ताकि किसी भी परिस्थिति में जनहानि या आर्थिक क्षति न हो।
वे जिलाधिकारी कार्यालय स्थित भट्ट भवन में आपदा प्रबंधन पर मानसून पूर्व समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। इस अवसर पर जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौम्या शर्मा, रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर अनुप खांडे, पुलिस उपायुक्त श्वेता खेडकर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी अंकुश गावंडे और सभी संबंधित विभाग प्रमुख उपस्थित थे।
पिछले छह साल जिले में प्राकृतिक आपदा से 30 लोगों की जान गयी थी। इसके चलते कलेक्टर ने निर्देश दिया कि सभी को उचित देखभाल और सावधानियां बरतनी चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यदि हम मौसम पूर्वानुमान तथा समय-समय पर सरकार द्वारा किये जाने वाले आह्वान को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतें तो प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली इस क्षति को रोक सकते हैं।
बाढ़ की आशंका वाले 157 गांव
जिले में बाढ़ की आशंका वाले करीब 157 गांव हैं और सबसे ज्यादा 34 गांव सावनेर में हैं. उसके नीचे, कामठी-22, मौदा-20, नरखेड-17, हिंगाना-13 और अन्य गाँव तहसील के बाकी हिस्सों में हैं। कलेक्टर डॉ विपिन इटनकर ने कहा कि जिले में नदी नालों की संख्या एवं स्थिति को देखते हुए ग्राम स्तर से लेकर तहसील, पंचायत समिति, तालुका अस्पताल सहित जिला स्तर पर सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी आपसी समन्वय पर जोर दें।
बनाए गए नियंत्रण कक्ष
प्राकृतिक आपदा की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाया गया है. तथा सभी संबंधित विभाग को अपने पास सामग्रियों के रख-रखाव एवं प्रबंधन के निर्देश दिये गये हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सके। उन्होंने विभाग प्रमुखों से जिले के हर छोटे-बड़े बांध पर बाढ़ संभावित पुलों की निगरानी के लिए जिम्मेदार अधिकारी नियुक्त करने को कहा। वहीं प्राकृतिक आपदा में आपदा मित्रों एवं समाज के जागरूक वर्ग का सहयोग भी अमूल्य होता है। इस संबंध में उन्होंने आग्रह किया कि जनभागीदारी से योजना बनाने पर जोर दिया जाये।
उन्होंने जिले के वेदर स्टेशन यानी मौसम विज्ञान केंद्र, संबंधित तहसील के अधिकारियों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नगर निगम को अपनी समीक्षा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। आपदा प्रबंधन अधिकारी अंकुश गावंडे ने प्राकृतिक आपदा प्रबंधन पर प्रस्तुति दी।