नागपुर समाचार : अनुसूचित जाति और जनजाति को मिलने वाले आरक्षण में क्रिमिलेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए निर्णय के खिलाफ आज कई संगठनों ने भारत बंद बुलाया गया है। इस बंद को कांग्रेस, सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने भी अपना समर्थन दिया है। बंद को देखते हुए इस दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे इसको देखते हुए राज्य सरकार ने नागपुर सहित विदर्भ के सभी जिलों में पुलिस को सतर्क रहने का आदेश दिया है।
बंद को देखते हुए सबसे ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर शुरु है कि, क्या शुरु रहेगा और क्या बंद रहेगा? अहम बात यह है कि भारत बंद को लेकर राज्य सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। हालाँकि, इस बीच, अस्पताल और दवा की दुकानें जैसी आपातकालीन सेवाएं कथित तौर पर चालू रहेंगी। इसके अलावा कहा गया है कि बैंक, सरकारी दफ्तर और स्कूल भी जारी रहेंगे।
शहर में आठ हजार पुलिस बल तैनात
बंद को देखते हुए पुलिस विभाग भी काफी सतर्क है। खुफिया इनपुट और दंगे की आशंका को देखते हुए नागपुर शहर में आठ हजार पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को कंट्रोल किया जा सके। इसी के साथ पुलिस को उपद्रव करने वाले को तुरंत हिरासत में लेने का आदेश दिया गया है। इसी के साथ पुलिस उन नेताओं पर नजर डालें बैठी है जिनका आंदोलन के नाम पर हिंसा करने या करवाने का इतिहास रहा है।
केंद्र ने राज्यों के साथ की बातचीत
इस बंद की पृष्ठभूमि में सरकार की ओर से बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। संभावित हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की है। इस बीच कहीं भी कोई हिंसा न हो इसके लिए पुलिस कर्मियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
भारत बंद का कारण क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर बनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह फैसला इसलिए दिया गया है ताकि जिन लोगों को वास्तव में इसकी जरूरत है उन्हें आरक्षण में प्राथमिकता मिले। हालांकि कोर्ट के इस फैसले पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। दलित संगठन इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। इन संगठनों का आरोप है कि ये आरक्षण ख़त्म करने की कोशिश है। इसके खिलाफ संगठनों ने कल मंगलवार 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है।