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नागपुर समाचार : श्री रामकथा का हुआ शुभारंभ, 3 दिन चलेगी श्री रामकथा, श्री गजानन महाराज मंदिर से निकाली गई भव्य कलश यात्रा

स्वामी श्री शंकराचार्य स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराजजी के मुखविंद से भक्त सुनेंगे श्रीराम कथा 

नागपुर समाचार : नगपुर शहर में श्री रामकथा परिवार ने 3 दिवसीय रामकथा की शुरुआत की है। कथा का शुभारम्भ भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। इसमें पीले एवं लाल परिधानों में सजी महिलाओं के सर पर मंगल कलश अनोखी छटा बिखेर रहे थे। बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं के ऊपर पुष्प वर्षा कर यात्रा की शुरूआत और कथास्थल पर स्वागत किया गया।

मंगल कलश लेकर चल रही महिलाओं में जबरदस्त उत्साह दिखाई दे रहा था। श्री गजानन महाराज मंदिर में शंकराचार्य स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराजजी के आगमन पर पुष्प माला से उनका स्वागत किया गया। महाराजजी द्वारा मंदिर में पूजा अर्चना की गई। झा दंपती द्वारा श्री राम चरित मानस की पुजा कर कलश यात्रा आरंभ हुई।

श्री राम कथा स्थल पर स्वामी श्री शंकराचार्य स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराज का भव्य स्वागत किया गया। श्री राम चरित मानस की पुजा अर्चना तथा आरती कर राम कथा आरंभ कि गई इस अवसर पर स्वामी श्री शंकराचार्य स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराजजी ने प्रवचन देते हुए कहा कि भगवान राम ऐसे महापुरुष हैं, जिनके चरित्र पर रामायण जैसा महान धर्म ग्रंथ बन गया। रामायण भारतवर्ष का गौरवपूर्ण इतिहास है, जिसके माध्यम से आदर्श समाज की स्थापना हो सकती है।

उन्होंने कहा कि राम का नाम ही जीवन का आधार है इसके स्मरण करने से ही मनुष्य को मोक्ष प्राप्त होती है तथा जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है। संगीतमय रामकथा के दौरान रामायण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री राम चरित्र से संयुक्त शास्त्र है इसलिए इसको रामायण कहा गया है। रामायण भारतवर्ष का गौरवपूर्ण इतिहास है। पूरी दुनियां में कोई ऐसा महापुरुष नहीं हुआ जिसका जीवन चरित्र ही धर्मशास्त्र बन गया हो।

रामायण की आराधना से मिलते हैं राम रामायण में भगवान राम के प्राकट्य से लेकर संपूर्ण जीवन चरित्र का बड़े ही विस्तार से वर्णन किया गया है। रामायण की आराधना उपासना करने से भगवान राम की प्राप्ति हो जाती है। भगवान राम का निवास स्थान- जहां श्री सीता लक्ष्मण और समस्त परिकरों के साथ भगवान श्रीराम विराजते हैं। इसलिए इसका नाम रामायण है। रामायण और भगवान राम में अंतर नहीं है। भगवान राम का सुमिरन, चिंतन, ध्यान करने से जिस तरह जीव का कल्याण होता है। रामायण का सुमिरन, चिंतन, ध्यान करने से उसी तरह जीव का कल्याण होता है। इस अवसर पर शहर वासियों ने कथा का रसपान किया। श्री कथा में प्रथम दिवस पर शिवसेना के विधायक कृपाल तुमाने, भाजपा के सुभाष धोटे सहपरिवार, सौ. प्रगती पाटील, पूर्व पार्षद (भाजपा) किशोर वानखेडे उपस्थित थे।

कार्यक्रम के सफलतार्थ आयोजक मंडल की विधि झा, ज्योती द्विवेदी, शेखर सोनी, गोपाल नागड़िया, नीना मिश्रा, पूनम तिवारी, चंदन गोस्वामी, संगीता राउत, श्वेता साठवाने ने कार्य किया।

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