नागपुर समाचार : जिला प्रशासन के लबालब दावों के बावजूद शहर के हजारों लाचार, बीमार लोग बुधवार को मतदान करने से वंचित रह गए। न तो प्रशासन ने उनकी अपील पर ध्यान दिया और न ही उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों ने उन्हें मतदान केंद्र तक पहुंचाने की तकलीफ की।
शहर के वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश सोनी ने बताया कि वे विगत कुछ दिनों से बैसाखी के सहारे चल रहे हैं। वे सीढ़ियां उतरने में तक तकलीफ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मतदान करने की काफी इच्छा थी लेकिन हर तरफ से निराश करने वाले जवाब मिले। हर कोई यही कहता रहा कि उनके पास समय नहीं है, आप अपनी व्यवस्था खुद देखें। मध्य नागपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के इस मतदाता ने भाजपा उम्मीदवार प्रवीण दटके के पीए से भी फोन पर बात की लेकिन मतदान केंद्र तक पहुंचने में कोई मदद नहीं मिली और वे मतदान से वंचित रह गए।
उन्होंने बताया कि उनके घर के समीप ही शिर्के वाड़ा निवासी ८७ वर्षीया महिला बकुल सालुके की भी मतदान करने की बहुत इच्छा थी लेकिन वे भी चलने में असमर्थ होने से मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच सकी और न ही प्रशासन के किसी अधिकारी/कर्मचारी ने उनकी मदद की। अखबारों में प्रशासन ने वृद्ध, बीमार मतदाताओं से मतदान कराने के तो बहुत दावे किए लेकिन असलियत कुछ और ही निकली। इस ओर किसी ने भी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया।
शहर में अकेले ओमप्रकाश सोनी तथा बकुल सालुके के नहीं हैं बल्कि उनके समान हजारों लोग हैं जो चलने-फिरने में अक्षम होने के कारण इच्छा होने के बावजूद मतदान करने नहीं जा सके। प्रशासन ने भविष्य में तो भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए। एक और प्रशासन इमारतों में मतदान केंद्र स्थापित कर प्रतिशत बढ़ाने की कोशिश करता है और दूसरी ओर वृद्ध-बीमार मतदाताओं की अनदेखी की जा रही है।