▪️ छठवें दिन अभंग, पोवाड़ा गोंधल, नाट्यगीत की प्रस्तुति
नागपुर समाचार : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की संकल्पना से साकार और कलागुणों का संगम खासदार सांस्कृतिक महोत्सव के छठवें दिन बुधवार को विचारों की विषयवस्तु के साथ ‘अभिजात मराठी’ की धूम मची। मौका था अभिजात मराठी संगीत, नृत्य और साहित्य के त्रिवेणी संगम वाले एक भव्य संगीत कार्यक्रम का। यह महोत्सव ईश्वर देशमुख शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय हनुमाननगर के क्रीड़ा चौक स्थित भव्य प्रांगण में शुरू है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, संस्कार भारती की प्रमुख कांचन गडकरी, पंकज भोयर, सुधीर गाडगिल, अमर महाडिक, डॉ. विकास महात्मे, धनंजय बापट, संदीप भारम्बे, अजेय संचेती आदि के हाथों दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया गया। भाषा को शास्त्रीय दर्जा भाषा की प्राचीनता, अखंडता और मौलिकता के आधार पर दिया जाता है। मराठी अभिजात हुआ करती थी, अब इस पर सरकार की मुहर लग गई है। ज्ञानेश्वर, चार्वाक, संत एकनाथ, तुकाराम, ग.दि. माडगुलकर, पु.ल. देशपांडे, वि.वा. शिरवाडकर आदि ने अपनी प्रतिभा और छवि से उस मराठी भाषा को और भी अलौकिक सौंदर्य प्रदान किया।
कार्यक्रम में अजीत परब, मुग्धा वैशंपायन, सावनी रवींद्र, संकर्षण करहाडे, आनंद इंगले, भार्गवी चिरमुले, नंदेश उमप ने हिस्सा लिया। छत्रपति शिवराय का तफदादार पोवाड़ा, हलुवार अभंग, देवी की स्तुति का अनुष्ठान, गोंधल, श्रुतिप्रिय नाट्यगीत, गीत रामायण, जयोस्तुते, प्रसिद्ध फिल्मी गाने, श्रृंगारिक लावणी की कलाकारों ने प्रभावशाली प्रस्तुति की।
उत्तम, रसपूर्ण कार्यक्रम का समापन सुरेश भट्ट की कविता के साथ हुआ। कार्यक्रम की प्रस्तुति गिरिजा ओक व गोडबोले, संकर्षण करहाड़े ने की। पटकथा ऋषिकेष जोशी ने लिखी। उद्घाटन कार्यक्रम का संचालन बालासाहब कुलकर्णी और रेणुका देशकर ने किया। उपस्थित अतिथियों का स्वागत खासदार सांस्कृतिक महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रा. अनिल सोले, अशोक मानकर, दिलीप जाधव, कोषाध्यक्ष प्रो. राजेश बागड़ी, डॉ. दीपक खिरवडकर, आशीष वांदिले, सीए संजय गुलकारी ने किया।