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नागपुर समाचार : विश्वशांती एवं भारत को विश्वगुरु बनाने हेतु श्री महाअतिशयकारी भक्तामर महादीप अर्चना

नागपुर समाचार : निर्यापकाचार्य वीरसागरजी महाराज ने पत्रकारोंको संबोधित करते हुये कहा आज युवा पीढी को भटकने से बचाना और विश्व मे शांती के लिये सामुहिक प्रयास से ही संभव होगा। इसिलिये ३१ दिसम्बर को पहले तीर्थंकर ऋषभदेव की ४८००० दीपोंसे सामुहिक आरती एवं भक्ति होगी।

भारतीय संस्कृती में सुबह भक्त भगवान के भक्ति में एवं संगीतमय आरती में लग जानेसे सुबह वातावरण अच्छा और हेल्दी व्हायब्रेशन होता है। महावीर, कृष्ण और महात्मा गांधी स्वयं कष्ट सहन करेंगे लेकिन दुसरों के लिए सुख चाहते थे। इसिलिये भगवान महावीर ने जीवो और जिने दो का संदेश दिया। एक ऐसी भी मान्यता है खावो पिवो मौज करो। दुसरों को कुछ भी हो उसकी पर्वा नहीं करते। आपके हाथ में कलम है आप उससे समाज में जागृती ला सकते हो।

राष्ट्र समाज का उध्दार होना चाहिये तो आजकी युवा पीढी नशे में धुत रहती है। इसके लिये पश्चात्त संस्कृति अपनाना और भारतीय संस्कृति की ओर दुर्लक्ष करने से होता है। सुख शांती पैसों से नहीं विचारधारा से मिलती है। राजा भोज ने आचार्य मानतुंगजी को बंदी बनाकर ४८ ताले लगवाये थे तो उन्होंने भगवान ऋषभदेव की भक्ति करते हुये भक्तामर के ४८ श्लोक की रचना की और वे ताले टूट गये।

पैसा यह भक्तामर स्तोत्र सभी रोग, शोक और भय आदि को नष्ट करनेवाला है और इसीकी आराधना ३१ दिसम्बर को होगी। संतशिरोमणी आचार्य विद्यासागरजी के प्रयास से भारत में १२० गोशाला चल रही है। जेलों में हथकरघा चल रहे है। च्वी तक की शिक्षा अपनी मातृभाषा/हिन्दी में हो, इंडिया नहीं भारत बोलो। ऐसे कई सामाजिक योजनाये चल रहीं है।

बड़े ही हर्ष का विषय है कि, समाधी सम्राट संत शिरोमणी आचार्य भगवंत श्री १०८ विद्यासागरजी महामुनिराज के परम प्रभावक सुयोग्य शिष्य व नवाचार्य श्री १०८ समयसागरजी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य नगर गौरव निर्यापकाचार्य श्रमण मुनी श्री १०८ वीरसागरजी महाराज ससंघ एवं आर्यिका माँ १०५ गुरुमती माताजी ससंघ के मंगल सान्निध्य व मार्गदर्शन में धर्म नगरी नागपूर नगर के इतिहास में प्रथम बार आपके और हम सबके परिवार के आगामी नव वर्ष २०२५ को मंगलमय रुप प्रदान करने हेतू निरोगी व दीर्घायु जीवन हेतू, मिथ्या मार्ग से बचने हेतू, महा अतिशयकारी श्री भक्तामर महादीप अर्चना विशेष महा रिध्दी सिध्दी मंत्र सहित १००८ मंगल मांडनों पर सहपरिवार प्रथम तीर्थंकर श्री १००८ आदिनाथ स्वामी की आराधना करने का अवसर प्राप्त होगा।

सकल जैन समाज ने सभी धर्मप्रेमीयों से निवेदन किया है कि, अहिंसा कुंभ और महामंत्र भक्ति का हिस्सा बने। आयोजन का उद्देश विश्वशांती की भावना को जागृत करना है।

महादीप अर्चना में सौभाग्य प्राप्त करने वाले सौभाग्यशाली परिवार को शुध्द रत्नमय रजत कलश १०० प्रतिशत शुध्द चांदी का दिया जायेगा।

पत्रकार परिषद को अध्यक्ष आनंद जैन, मंत्री आशिष जैन ने सम्बोधित किया। प्रमुखतः समाज के गणमान्य कमेटी के उपाध्यक्ष अजय बडकुर, उपमंत्री मनीष जैन, कोषाध्यक्ष जितेन्द्र जैन, सदस्य शीतल जैन, डॉ. सुरेश मोदी, डॉ. रिचा राजकुमार जैन, विनय जैन अलादीन, शीतलचंद जैन एमपीएसटी, सेनगण मंदीर के अध्यक्ष सतीष पेंढारी, सतीष जैन कोयलावाले, अनिल जैन व्हीएसआर, प्रचार प्रमुख हिराचंद मिश्रीकोटकर, संगीता तडईया, दीपा जैन, अनामिका मोदी, गोकुलचंद बडकुर, संतोष बैसाखिया, कमलकान्त जैन, रमेश मिल्टन, सनत वर्धा, सुमत लल्ला, सोनु सिंघई, अरविन्द रेल्वे, विक्की गिरनार आदि की उपस्थिती थी।

दिनांक २७.१२.२०२४ शुक्रवार को सुबह ७.३० बजे दारोडकर चौक से निर्यापकाचार्य वीरसागरजी ससंघ एवं आर्यिका मौ १०५ गुरुमति माताजी ससंघ की अगवानी श्री चंद्रप्रभ मंदीरजी में होगी। ८ बजे शांतीथारा होंगी। सकल जैन समाज के तत्वावधान में बडकस चौक में ६ बजे प्रवचन होगा। सभी की उपस्थिती प्रार्थनीय है।

मंगल कार्यक्रम : नववर्ष की पूर्व संध्या दिनांक ३१ दिसम्बर २०२४ मंगलवार शाम ५ बजे से रात १२ बजे तक श्री महाअतिशयकारी भक्तामर महादीप अर्चना होगी। पश्चात रात्री १२ बजे १००८ दीपकों व्दारा महाआरती।

स्थान : कच्छी वीसा ग्राउंड लकडगंज, छापरुनगर, नागपूर।

समय : दिनांक ३१ दिसम्बर २०२४ मंगलवार शाम ५ बजे से मध्यरात्री १२ बजे तक।

आयोजक : श्री दिगंबर जैन परवार मंदिर इस्ट एवं सकल जैन समाज

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