नागपुर : 5 सितंबर को देश में ‘संघर्ष दिन’ के रूप में मनाते हुए भारतीय व्यापार संघ के सैकड़ों आशा वर्कर्स और गटप्रवर्तक ने संविधान चौक पर मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। दो साल पहले 5 सितंबर 2018 को विभिन्न मांगों को लेकर सीटू द्वारा दिल्ली में लाखों की संख्या में मजदूरों, किसानों ने देश व्यापी मोर्चा निकाला था. केंद्र सरकार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन किया गया, जिसका सरकार पर असर नहीं हुआ. इस वजह से 5 सितंबर 2020 को संघर्ष दिन के रूप में मनाया गया. शनिवार को संविधान चौक में एक दिवसीय बंद आंदोलन किया गया. इसके मद्देनजर 72 जगह पर मजदूरों आशा वर्कर्स और अन्य कर्मचारियों द्वारा आंदोलन किया गया.
विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन : सभी को सरकारी कर्मचारी घोषित करे, कोरोना कर्मचारियों को 300 रुपए रोज दे, सभी को 21 हजार का वेतन लाग करे, एपीएल और बीपीएल कार्ड रद्द कर प्रति लाभार्थी 300 रुपए दे, रिटायरमेंट के बाद 10 हजार रुपए महीना पेंशन, पीएफ ईएसआई लागू करे और 10 लाख आजीवन बीमा लागू करे जैसी मांगें शामिल हैं.