▪️ चेट्रीचंड्र पर इस बार, खुशियां होंगी अपार
नागपुर समाचार : समूचे विश्व में अपनी सर्व-कल्याणकारी छवि स्थापित करने वाले सिंधी समाज की ओर से इस वर्ष 30 मार्च को सिटी में इष्टदेव वरुणावतार झूलेलाल का 1075वां जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. तद्हेतु विभिन्न संस्थाओं ने अभी से कमर कस ली है. महापर्व की खुशियां इसलिए द्विगुणित हो जाती हैं क्योंकि इसी दिन से सिंधी समाज का नववर्ष भी प्रारंभ होता है. युवा वर्ग सहित आबाल-वृद्ध में अनोखे उत्साह, इष्टदेव के प्रति अगाध श्रद्धा और बंधुत्व का अद्वितीय उदाहरण देखा जा सकता है. विशेष बात यह है कि इस वर्ष त्योहार में अपार खुशियां दिखेंगी क्योंकि सिंधी बंधु आर्थिक तौर पर तो पूर्णतः सक्षम हो गए हैं. उनके प्रति केन्द्र सरकार का रुख भी ‘अति-आत्मीय’ हुआ है. विभाजन के बाद भारत में आ बसे सिंधी भाइयों की प्रमुख समस्याओं का निराकरण किया जा चुका है. अन्य मुद्दों पर भी सरकार का रवैया सकारात्मक है. समाज द्वारा इसे भगवान झूलेलाल की ‘कृपादृष्टि’ माना जा रहा है. अतः इस बार धार्मिक, सांस्कृतिक एवं समाज हित के आयोजन भव्य स्तर पर करने का निर्णय विभिन्न संस्थाओं व पंचायतों ने लिया है.
महापर्व के प्रमुख आयोजक
सिटी के प्रमुख सिंधी बहुल इलाकों जरीपटका, मेकोसाबाग, खामला, शांतिनगर, वर्धमाननगर, क्वेटा कालोनी सहित निकटस्थ कामठी में इस महापर्व पर भारी उत्साह देखा जाता है. जरीपटका में तो वरिष्ठ समाजसेवी दादा घनश्याम कुकरेजा के मार्गदर्शन व बीजेपी व्यापारी आघाड़ी के महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र कुकरेजा के नेतृत्व में चतुर्दिवसीय कार्यक्रम की धूम रहती है, जिसका इंतजार लोग कई दिन पहले से करते हैं. इस दौरान जहां श्रद्धा-भक्ति के अनूठे दर्शन होते हैं, वहीं मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं रोचक स्पर्धाओं का भी आयोजन बरबस ही विशाल जनसमूह को झूलेलाल पार्क के विशाल प्रांगण में खींच लाता है. पैर रखने के लिए तिल-मात्र जगह भी नहीं बचती. बहिराणा साहिब के विधि-विधान से पूजन, ‘पल्लव’ के माध्यम से विश्व-शांति एवं कल्याण की कामना की जाती है. मध्य प्रदेश के भाटापारा स्थित झूलेलाल मंदिर की नवनिर्मित जरीपटका शाखा प्रमुख महेश आनंदानी के मार्गदर्शन में पूर्ण आस्था सहित धार्मिक अनुष्ठान होंगे.
दुल्हन-सी सज उठती है सिटी
गांधीसागर स्थित सिंधु झूलेलाल वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में महंत मोहनदास ठकुर के मार्गदर्शन, अध्यक्ष रमेश जेसवानी, उपाध्यक्ष कोडूमल धनराजानी सहित अन्य पदाधिकारियों के नेतृत्व में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में भी अपार श्रद्धालु उमड़ते हैं. यहाँ से निकलने वाली शोभायात्रा में नयनाभिराम झांकियों का समावेश रहता है। दर्शनार्थ भक्तों का जनसागर उमड़ता है. शोभायात्रा में झांकियों के दर्शन के साथ सफाई का संदेश भी भक्तों को दिया जाता है. खामला में भी चेट्रीचंड्र महापर्व रत्नानी परिवार द्वारा संचालित प्राचीन झूलेलाल मंदिर में उत्साह के साथ मनाया जाता है.
पूर्व मनपा जलप्रदाय समिति अध्यक्ष प्रकाश तोतवानी के संयोजन में खामला वाली माता मंदिर परिसर में इष्टदेव झूलेलाल जयंती के पावन उपलक्ष्य में धार्मिक पूजन कर नमन किया जाता है. पूज्य खामला सिंधी पंचायत के धार्मिक आयोजन में ‘सर्वधर्म समभाव’ की भावना साकार होती है. पंचायत की ओर से आरती, पल्लव उपरांत रैली निकाली जाती है व सभी मे प्रसाद वितरित किया जाता हैं. सारे शहर के सिंधी व्यापारियों सहित अन्य समाजों के बंधु भी नयनरम्य विद्युत सजावट, विशाल शोभायात्रा के स्वागतार्थ पुष्प-वर्षा, प्रसाद वितरण आदि में सहर्ष सम्मिलित होकर भाईचारे की मिसाल कायम करते हैं. प्रतिपदा से हिन्दू नववर्ष की शुरुआत, गुढ़ीपाड़वा और चैत्र नवरात्र प्रारंभ होने से लगभग 10 दिन उपराजधानी दुल्हन-सी सज उठती है.