नागपुर समाचार : केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कड़ा कि कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, पुणे एन प्रत्येक बिलों में ७०-८० लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है। विदर्भ में भंडारा व गोंदिया छोड़ दें तो शेष जिलों में यह बहुत ही कम है। लेकिन अब मदर डेयरी प्रकल्प के चलते विदर्भ के किसानों को दूध उत्पादन बढ़ाने का सुनहरा अवसर है उन्हें यह लाभ उठाना चाहिए। वे बुटीबोरी में मदर डेयरी के मेगा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के कार्य के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।
उनके हाथों ‘मराठवहांड दुग्ध उत्पादक संगठन’ का शुभारंभ और गारा खाद्य तेल पैवोटिंग सेंटर का भूमिपूजन भी किया गया। वे इस अवसर पर बोल रहे थे। एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शहा, मदर डेयरी फ्रूट्स एंड वेजिटेबल के मनीष बंदलिश, नेशनल डेयरी सर्विसेस के व्यवस्थापकीय संचालक डॉ. सोपी दैनानंद, मराठवांड दुग्ध उत्पादक कंपनी के चेयरमैन वर्षा चव्हाण उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि मदर डेयरी के साथ मिलकर राज्य सरकार क्रांति लाने और दूध उत्पादन बढ़ाने का प्रयास कर रही है क्योंकि विदर्भ के मुख्य फसलों की स्थिति बेहद खराब है।
वर्धा, यवतमाल, अकोला, अमरावती, वाशिम, बुलढाना जिले के वित्सान आत्महत्या कर रहे हैं। मदर डेयरी व राज्य सरकार के बीच हुए सामंजस्य करार कर दूध उत्पादक किसानों के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने विश्वास जताया कि मराउवहांड दूध उत्पादक संगठन के कारण अब विदर्भ की महिला किसान भी आत्मनिर्भर बनेंगी। गडकरी ने कहा कि किसानों की अच्छी कालिटी का पशु खाद्य मिले इसके लिए गदर डेयरी कदम उठाए।
विदर्भ में कपास सरकी, तुअर चूरी व मक्का पर्याप्त मात्रा में है। इससे जिलावार पशुधन विकरित कर किफायती दरों में दूध उत्पादकों को उपलब्ध करने का निर्देश उन्होंने दिया। उन्होंने कहा कि नेपियर धाम के माध्यम से वर्षभर हरा चारा उपलब्य किया गया तो दूष उत्पादन में वृद्धि होगी। नागपुर की प्रसिद्ध संतरा बर्फी की मदर डेयरी के माध्यम से मार्केटिंग को जरूरी बताते हुए कहा कि यह चफी शुद्ध संतरे के पल्प से तैयार की जाएगी। इससे विदर्भ के संतमा उत्पादक कसानों को भी लाभ मिलेगा. उन्होंने चाशिम व गढ़चिरोली जिली की ओर विशेष ध्यान देने की अपील गदर डेयरी से की।