- बर्डी पुलिस हस्तक्षेप के बाद थमी तनातनी, फिलहाल आसार अच्छे नहीं
- हॉकरों ने हटाया पट्टा, जल्द स्थाई समाधान निकालना जरूरी
नागपुर : सीताबर्डी में बुधवार को सुबह से ही मामला काफी गरमाहट भरा रहा. एक बार तो हॉकर नारेबाजी करते हुए आमने-सामने आ गए, जिससे कुछ समय के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो गई. इसी बीच पुलिस के आ जाने से मामले की गरमाहट ठंडी पड़ी. मंगलवार को रात कुछ हॉकरों द्वारा मेन रोड पर सफेद पट्टा लगाने के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बन गई थी. इसके बाद ही दूकानदार आंदोलन के मूड में आ गए थे.
बुधवार को सुबह बाजार में जो हालत थी उसे देखकर लग नहीं रहा था कि मामला जल्दी शांत होने वाला है. सफेद पट्टे की शिकायत करने दूकानदार सीताबर्डी थाने पहुंचे. शिकायत देकर वे जब वापस आये तो हॉकरों ने जुलूस निकाल लिया और नारेबाजी करने लगे. संख्या अधिक होने से दूकनदार एकबारगी सहम से गए. जुलूस को देखकर दूकानदार भी एक जगह जमा हो गए और उन्होंने भी नारेबाजी शुरू कर दी. माहौल गर्म हो गया. इसी बीच बर्डी पुलिस वहां पहुंची और मामले को शांत कराया. इस बीच डीसीपी विनीता साहू भी पहुंची. उन्होंने भी व्यापारियों को समझाया तब जाकर कहीं बात बनी.
जल्द स्थायी समाधान निकालना जरूरी आये दिन व्यापारियों और हॉकरों के बीच तनाव की स्थिति बन रही है. इसे देखते हुए तनाव बढ़ने का खतरा काफी बढ़ गया है. वास्तव में कई हॉकर दूकानों के बिल्कुल समीप और सामने दूकान लगाने लगे हैं, जिसके कारण स्थायी दूकानदारों को दूकानदारी करना मुश्किल हो गया है. इसलिए दूकानदार चाह रहे है कि जल्द से जल्द ऐसा कुछ निर्णय लिया जाए ताकि इसका स्थायी समाधान निकल सके.दूकानदारों का कहना है कि जिस प्रकार हॉकरों का मनोबल बढ़ रहा है उससे कहीं कोई अनिष्ट होने की आशंका प्रबल हो रही है.
व्यापारियों का कहना है कि हॉकर जोन को लेकर कोई निर्णय नहीं हो रहा है, जिसके कारण दिनों दिन समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं. अभी दूकानों में भीड़ नहीं है लेकिन फुटपाथ पर लोग जान जोखिम में डालकर खड़े रहते है. इतनी भीड लगती है कि बर्डी मुख्य मार्ग पर चलना तक मुश्किल हो जाता है. आश्चर्य की बात यह है कि बड़े अधिकारी आते हैं और खाली करवाते हैं लेकिन दूसरे दिन स्थिति जस की तस हो जाती है.
हॉकरों ने हटाया पट्टा
हॉकरों ने बुधवार की शाम खुद सफेद पट्टे को हटाया दिया, इससे माहौल में नरमी आ गई.यह कदम प्रशासन के दबाव में किया गया या उन्होंने खुद किया, यह स्पष्ट नहीं है. फिलहाल दूकानदारों ने राहत की सांस ली है. उनका कहना है कि जब भी कुछ ऐसा कदम उठाया जाएगा स्थायी दूकानदार सड़कों पर उतरकर विरोध प्रकट करेंगे.