50 ग्राम का हैंड ग्रेनेड करेगा महिलाओं की सुरक्षा, मुसीबत में मिलेगी मदद
नागपुर : महिलाओं के साथ अपराध कड़वा सच बना हुआ है। दिल्ली के निर्भया कांड के बाद कानूनों में सुधार के बावजूद जघन्य घटनाएं रोज शर्मसार कर रही हैं। ‘मी टू’ मूवमेंट ने कई चेहरे बेनकाब किए। दुनिया की मशहूर व शक्तिशाली महिलाओं ने सामने आकर आपबीती बताई। भ्रम टूटा, और पता चला आम व गरीब लड़कियां ही नहीं, कोई ‘बेटी’ सुरक्षित नहीं। किसी न किसी मोड़ पर उसे इस विपरीत परिस्थिति का सामना करना ही पड़ता है।
आज उत्तर प्रदेश और राजस्थान उबल रहा है, कल कोई और प्रदेश होगा, जहां चेहरे बदल जाएंगे। इसलिए अपनी सुरक्षा अपने ही हाथ हो बेहतर। नि:संदेह इस स्थिति से निकलने के लिए सेल्फ डिफेंस काफी जरूरी हो जाता है। इसे ही मूलमंत्री मानते हुए शहर की रचना चौरसिया ने वायरलेस टेक्नोलॉजी और सिम कार्ड ऑप्शन पर काम करने वाला हैंड ग्रेनेड बनाया है। ताइक्वांडो में सात बार ब्लैक बेल्ट जीत चुकीं रचना ने वैज्ञानिक श्याम चौरसिया के साथ मिलकर इसे तैयार किया है। रचना चौरसिया ने फोन पर चर्चा के दौरान इसके बार में जानकारी दी।
वजन मात्र 50 ग्राम
इसमें एक अन्य बटन भी है, जिसे दबाते ही फायरिंग जैसी तेज आवाज निकलने लगेगी। आवाज सुनकर लोग मदद के लिए दौड़ सकेंगे। हैंड ग्रेनेड का वजन मात्र 50 ग्राम है। एक बार चार्ज करने पर सप्ताह भर काम करता है। हां, हैंड ग्रेनेड को ऐसी जगह रखें, जिससे आवश्यकता पड़ने पर तुरंत इसे फेंक सकें। उनके अनुसार, हैड ग्रेनेड को 650 रुपए की लागत से तैयार किया गया है।
अपनों को देता है लोकेशन की जानकारी
रचना ने बताया कि हैड ग्रेनेड जैसा दिखने वाला यह ‘पीस’ वायरलेस टेक्नॉलॉजी और सिम कार्ड ऑप्शन पर काम करता है। ग्रेनेड में सिम कार्ड लगा है, जिसमें पुलिस, परिजन सहित सात लोगों के नंबर सेव रहते हैं। बटन दबाकर फेंकते ही उन सभी 7 लोगों को कॉल चला जाएगा। उन्हें आपके लोकेशन की भी जानकारी मिल जाएगी।
माता-पिता ने की सराहना
रचना दिल्ली में पति राजेन्द्रन के साथ रहती हैं। रचना के माता-पिता मोहन नगर निवासी गीता रमेश चौरसिया ने उपकरण की सराहना करते हुए कहा कि आज की परिस्थिति में हर बेटी को अपनी सुरक्षा के लिए इस तरह के उपकरणों को साथ में रखना आवश्यक है।