गोंदिया : किसानों के देशव्यापी बंद को महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी सरकार ने अपना समर्थन घोषित करते हुए 8 दिसंबर को शिवसेना, राष्ट्रवादी और कांग्रेस सहित अपने मित्र दलों के कार्यकर्ताओं से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया था। किसान आंदोलन की शुरुआत आज इन राजनीतिक दलों ने प्रशासकीय इमारत निकट डॉ. आंबेडकर चौक से की। इस अवसर पर अपनी प्रतिक्रिया देते राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा- आज हमारे देश का किसान नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद प्रगति नहीं कर पाया बल्कि उसकी दुर्गति होती जा रही है।
वहीं दूसरी ओर जो पिछले संसद सत्र में उन्होंने नया कानून जो संशोधन करके बनाया उस वक्त सभी विरोधी पार्टियों -कांग्रेस हो, राष्ट्रवादी हो, शिवसेना हो या देश की बाकी जो अन्य पार्टियां हैं सबने एक स्वर में एक होकर इस बिल का विरोध किया था और यह भी कहा था कि बहुत जल्दबाजी में जो यह बिल आप ला रहे हो यह दांव आप पर उल्टा पड़ेगा?
सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा
मैं जब सदन में इस बिल पर खड़ा हुआ बोलने को तो कहा गया 2 मिनट में अपनी बात खत्म करो? जब इतने महत्वपूर्ण बिल पर हम चर्चा कर रहे हैं और दो 2 मिनट में अपनी बात खत्म करने का आदेश होता है तो बहुत दिनों तक यह आवाज दबाई नहीं जा सकती? कीसानों की आवाज यह पूरे देश की आवाज है। इस आवाज को हम सब विपक्षी दल मिलकर उठाएंगे और किसान समर्थन में आज जो भारत बंद बुलाया गया है। यह लड़ाई तो अभी शुरुआत है ये पूरा जंग जीतेंगे और उसके बाद यह सरकार की जायेगी।
इस अवसर पर उपस्थित कांग्रेसी नेताओं ने कहा
यह काला कानून हैं। लिहाज़ा तीनों कृषि विधेयक सरकार ने वापस लेना चाहिए या रद्द करना चाहिए? यह मांग पंजाब -हरियाणा के किसान पिछले 2 महीने से करते हुए आंदोलित हैं। लेकिन सरकार के पास कोई सुनवाई नहीं होने से किसान आज दिल्ली के बॉर्डर पर डटा हुआ है। उसे दिल्ली प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। तथा आंदोलन को कमजोर करने के लिए ठंड में किसानों पर पानी के फव्वारे छोड़े जा रहे हैं और आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। इसलिए कांग्रेस किसानों के समर्थन में आज सड़कों पर है।
गोंदिया में हुए इस प्रदर्शन के दौरान महा विकास आघाड़ी की की ओर से मोर्चा सांसद प्रफुल पटेल ने संभाला। इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेंद्र जैन, कांग्रेस जिलाध्यक्ष नामदेवराव किरसान, शिवसेना जिला समन्वयक पंकज यादव, अमर वराडे, जितेश राणा, देवेंद्रनाथ चौबे, खालिद भाई पठान, नानू मुदलियार, सतीश देशमुख, विनायक ख़ैरे, मयूर दरबार, सुनील पटले, संजीव राय, विनायक शर्मा, भुवन रिनाईत, छोटू पटले, श्रीधर चन्ने, अक्की अग्रहरी, शैलेश वासनिक आदि उपस्थित थे।