मुंबई समाचार : एंटीलिया केस, मनसुख हिरेन की मौत, 100 करोड़ वसूली के आरोप और ट्रांसफर के नाम पर रिश्वतखोरी के आरोप मामले को लेकर आज सुबह महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत भाजपा के नेताओं ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि परमबीर सिंह, ट्रांसफर विवाद और सचिन वाझे के मामले को लेकर भाजपा नेताओं राज्यपाल से हस्तक्षेप को कहा है.
उधर, राज्यपाल भाजपा नेताओं की मुलाकात पर संजय राऊत का बयान आया है. उन्होंने कहा कि आज जो लोग मिलने गए हैं, वे सब भाजपा के नेता हैं और भाजपा के कार्यकर्ता हैं. राज्यपाल भी भाजपा के कार्यकर्ता हैं. यह उनके घर की मुलाकात है. इस दौरान जब संजय राऊत से पूछा कि आप राज्यपाल को भाजपा का कार्यकर्ता कह रहे हैं, वे तो संवैधानिक पद पर हैं तो उन्होंने कहा कि वे पहले भाजपा के कार्यकर्ता थे, संघ के प्रचारक थे तो क्या उन्हें भाजपा का कार्यकर्ता नहीं कहा जाए.
राज्य में अस्थिरता का महौल – देवेन्द्र फडणवीस : राज्यपाल से मुलाकात के बाद पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में इस समय अस्थिरता का माहौल है. हमने 100 से ज्यादा विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्यपाल से बात की है. जिसमें सचिन वाझे, ट्रांसफर पोस्टिंग, कोरोना की वर्तमान स्थिति और राज्य सरकार की विफलता शामिल है, हम चाहते हैं कि राज्यपाल से जो भी हमने बातें कही हैं, उनका जवाब सरकार दे. पुलिस का इस्तेमाल पैसा वसूली के लिए किया जा रहा है, जिन अफसरों को ट्रांसफर के बहाने से धमकाया जाता है उन्हें सुरक्षा देनी चाहिए.
फडणवीस ने कहा कि जिस प्रकार की घटनाएं पिछले कई दिनों से सामने आ रही है वह अत्यंत चिंताजनक है. इन घटनाओं पर मुख्यमंत्री का मौन भी सवालों के घेरे में है. शरद पवार ने दो प्रेस
कॉन्फ्रेंस की है लेकिन दोनों ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपने मंत्री और लोगों को बचाने का प्रयास किया. फडणवीस ने कहा कि महा विकास आघाडी सरकार अब महा वसूली आधारित सरकार बन चुकी है. अब जनता को न्याय दिलाना बेहद जरूरी है. कांग्रेस का कोई चेहरा बचा नहीं है, कोई नीति बची नहीं है जो भी मामले सामने आ रहे हैं वह यह साबित करते हैं कि यह सरकार सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए कुछ भी करने वाली है. मैं कांग्रेस से सवाल पूछता हूं कि उनको इस सब में कितना मिल रहा है? इन सभी मामलों के संबंध में हमने राज्यपाल से जांच कराने के लिए कहा है .