पुलिसकर्मी ने 40 फिट गहरी कुँए में छलांग लगाकर पितापुत्री बचाई जान
चिमूर तालुका के शंकरपुर के वार्ड नंबर 5 में रात 8.30 बजे गांव के एक सार्वजनिक कुएं में खेलते समय एक तीन साल की बच्ची गिर गई। उसके पिता ने भी उसे बचाने के लिए कुएं में छलांग लगा दी, लेकिन वह ठीक से तैर नहीं सकता गश्ती पर निकले एक पुलिस कांस्टेबल नागरगोचे ने कुएं में कूदकर दोनों की जान बचाकर ‘ हीरो ‘ बन गया।
चंद्रपुर: (चिमूर) महाराष्ट्र पुलिस विभाग का प्रत्येक कर्मचारी जनसेवा के लिए प्रतिबद्ध है। सर्द हवा हो या बारिश के बावजूद किसी भी मुश्किल स्थिति में पुलिस के जवान ड्यूटी पर तैनात होते हैं। और हमेशा जनसेवा के लिए दौड़ ही रहे थे हैं। इसी का उदाहरण यह हाल ही में हुई एक घटना सामने आया।
रात 8.30 बजे के चिमूर तालुका के शंकरपुर के वार्ड नंबर 5 में एक सार्वजनिक कुएं में खेलते समय एक तीन साल की बच्ची शिवन्या गिर गई। उसके पिता प्रभाकर बारेकर ने भी उसे बचाने के लिए कुएं में छलांग लगा दी, लेकिन ठीक से वे तैर नहीं सकते थे औऱ दोनों पितापुत्री पानी में डूबने लगे आसपास के लोग की भीड़ कुँए पास उमड़ पड़ी। इसी बीच शंकरपुर पुलिस चौकी प्रभारी निरीक्षक जम्भले अपने सहकर्मीमियों साथ गांव में गश्त निकले एक पुलिस कांस्टेबल नागरगोचे ने समय न गवाते सीधे फ़िल्म के हिरो की तरह कुएं में कूदकर दोनों की जान बचने में सफ़ल रहा और असली हीरो बन गया।
यह घटना, जो किसी कहानी, उपन्यास या फिल्म में दिखाई देगी, यह घटना भिसी थाने के अंतर्गत शंकरपुर में घटि।
सलाम इस पुलिस जवान को जो एक पल के लिए भी सोचे बगैर, पुलिस सिपाही परमेश्वर नागरगोचे ने अपना मोबाइल फोन और बटुआ अपने सहयोगी को सौंप दिया और 15 फीट पानी में 40 फीट गहरे कुएं में कूद गया। ग्रामीणों की मदद से उन्हें कुँए से बाहर निकाला गया।
पितापुत्री दोनों को शंकरपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान दोनों में स्वस्थ में सुधार हुआ है। यह सब संभव हुआ दादा नागरगोजे की बहादुरी से, जो एक पुलिसकर्मी था, जो अपनी जान जोखिम में डालकर कुएं में कूद गया। शंकरपुर के लोगों ने इस सच्चे नायक को सलाम किया और उनके प्रदर्शन की सराहना की।