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मौसम / केरल पहुंचा मानसून, 9 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट; अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र, 3 जून को चक्रवाती तूफान गुजरात-महाराष्ट्र से टकरा सकता है

नई दिल्ली : भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को बताया कि मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है। इसे देखते हुए केरल के 9 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें अलपुझा, कोल्लम, पथनमथिट्टा, तिरुवनंतपुरम, कोट्टयम, एर्नाकुलम, इडुक्की, मलप्पुरम और कन्नूर शामिल हैं। प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने 30 मई को मानसून के केरल से टकराने का दावा किया था। इस बीच अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान में बदल सकता है।

इस बार सामान्य रहेगा मानसून

मौसम विभाग ने अप्रैल में कहा था कि इस बार मानसून औसत ही रहने वाला है। विभाग के मुताबिक, 96 से 100% बारिश को सामान्य मानसून माना जाता है। पिछले साल यह आठ दिन की देरी से 8 जून को केरल के समुद्र तट से टकराया था। भारत में जून से सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून से बारिश होती है।

अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बना

वहीं, एक चक्रवाती तूफान 3 जून तक गुजरात और महाराष्ट्र के तट से टकरा सकता है। आईएमडी ने सोमवार को कहा कि अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बना है। अगले दो दिनों में यह चक्रवात में बदल सकता है। इसके केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों से सोमवार और मंगलवार के बीच 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टकराने की संभावना है।

हरिहरेश्वर और दमन के बीच तट से टकराएगा चक्रवात
आईएमडी के मुताबिक, यह कम दबाव वाला क्षेत्र अरब सागर और लक्षद्वीप के दक्षिण पूर्व और पूर्व मध्य इलाके में बना है। फिलहाल यह गोवा से 400 किमी दक्षिण पश्चिम, मुंबई से 700 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और गुजरात के सूरत से 930 किमी दक्षिण पश्चिम की दूरी पर है। चक्रवाती तूफान में बदलने के बाद 2 जून की सुबह तक इसके उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है। तूफान हरिहरेश्वर (रायगढ़, महाराष्ट्र) और दमन के बीच उत्तर महराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट से 3 जून की शाम या रात को टकरा सकता है।

महाराष्ट्र और गुजरात में भारी बारिश हो सकती है

निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, कम दबाव वाला क्षेत्र बनने की वजह से 3 और 4 जून को मध्य महाराष्ट्र और उत्तर कोंकण क्षेत्र में भारी बारिश हो सकती है। 2 जून और 5 जून के बीच महाराष्ट्र और गुजरात के तट पर समु्द्र में तेज लहरें उठ सकती हैं। इनकी ऊंचाई से 12 से 16 फिट तक पहुंच सकती है। वहीं, 60 से 90 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने की भी संभावना है। इसके बाद यह कम दबाव वाला क्षेत्र ‘निसर्ग’ चक्रवात में बदल जाएगा।

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