बड़े पैमाने पर भितरघात की आशंका
नागपुर समाचार : विधान परिषद के लिए आगामी १० दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार के रूप में पूर्व पालकमंत्री तथा प्रदेश भाजपा महामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने अपना नामांकनपत्र दाखिल कर दिया है और संख्याबल के आधार पर वे अपनी जीत सुनिश्चित मानकर चल रहे हैं, लेकिन राजनीतिक क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि बावनकुले अपनी जीत को जितना आसान समझ रहे हैं, वह उतनी आसान नहीं होगी। उनके साथ बड़े पैमाने पर भितरघात होने की संभावना है और पार्टी के ही कुछ लोगों ने अभी से बैठकों का दौर शुरू कर इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। बावनकुले के खिलाफ कांग्रेसवासी हो चुके छोटू भोयर को उम्मीदवारी प्रदान की गई है।
शहरभर से मिल रही खबरों के अनुसार छोटू भोयर आगामी विधान परिषद चुनाव में बड़ा धमाका कर सकते हैं, ठीक अभिजीत वंजारी के समान। वंजारी की जीत को अभी भी कुछ भाजपा नेता भूले नहीं हैं और वे आगामी विधान परिषद चुनाव को बदले का शानदार अवसर मानकर काम शुरू कर चुके हैं। उपरी तौर पर भाजपा के साथ होने का दिखावा करने वाले कुछ लोग अंदरूनी तौर पर भोयर को बढ़ावा दे सकते हैं। यह चुनाव केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गया है। कांग्रेस की तरह भाजपा में खुली गुटबाजी भले ही नहीं हो लेकिन ‘गुप्त गुटबाजी’ जरूर है और इसके परिणाम भी जब-तब सामने आते रहे हैं।
बावनकुले के लिए भाजपा के वे नगरसेवक बेहद घातक साबित हो सकते हैं जिनके मुंह से इस समय जबर्दस्त लार टपकने लगी है। ऐसे नगरसेवकों से भोयर गुट ने संपर्क करना शुरू कर दिया है और उन्हें ‘मलाई’ की मांग के संबंध में टटोला जा रहा है। हालांकि ‘मलाई’ का फैसला इतनी जल्दी नहीं होगा लेकिन इस माह के अंत तक ‘मलाई की मात्रा’ जरूर तय हो जाएगी।
जानकारों का कहना है कि ऐसे नगरसेवकों की संख्या ३० के आसपास है और इनमें महिला नगरसेवकों का अधिक समावेश है। इन महिला नगरसेवकों के पति ‘मलाई की डील’ करने आगे रहेंगे। परदे के पीछे रहकर अपनी पत्नी का काम देखने वाले इन पतियों को पता चल चुका है कि खराब परफॉर्मस के कारण उनकी पत्नी या उनके घर में अगले मनपा चुनाव का टिकट नहीं मिलेगा। यही कारण है कि वे अंतिम क्षणों में ‘मालामाल होने के चक्कर में कोई भी फैसला कर सकते हैं। उन्हें यह भी पता है कि पकड़े जाने पर ज्यादा से ज्यादा उन्हें पार्टी सदस्यता से हाथ धोना पड़ेगा। इसके लिए भी वे तैयार हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को ऐसे ‘लारटपकाउ’ नगरसेवकों से अत्यधिक सावधान रहना होगा।
चर्चा तो यहां तक चल रही है कि भोयर के पक्ष में हवा बनाने का काम कुछ नाराज भाजपाइयों ने शुरू भी कर दिया है। ये लोग गुप्त बैठकें करना शुरू कर चुके हैं और पाल में आने वाले नगरसेवकों की लिस्ट भी बनाई जा रही है। अगले एक-दो दिन में लालची नगरसेवकों को चिन्हित कर उनसे संपर्क शुरू कर दिया जाएगा। अगले सप्ताह शहर में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं।