विधुत् प्रबंधन पर अर्धकुशल श्रमिकों का आर्थिक शोषण का आरोप, राकांपा ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
कोराडी समाचार : कोराडी पावर प्लांट मे विधुत प्रबंधन की लालफीताशाही नीतियों का नतीजा ठेका श्रमिकों की श्रेणियों में डिमोशन करके उनके मौलिक अधिकारों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ? बताते है कि छह साल से यहां कार्यरत ठेका श्रमिकों की श्रेणियों में जानबूझकर डिमोशन किया जा रहा है. राकापा के जिला शाखा उपाध्यक्ष भूषण चंद्रशेखर ने इस पावर प्लांट के मुख्य अभियंता पर खुला आरोप लगाया है कि ठेका श्रमिकों को उनके उज्जवल भविष्य के दृष्टीकोण से अनुभव कौशलता के अधार पर पदोन्नत करवाने की बजाय श्रेणियों में डिमोशन करवाया जा रहा है।
बताते है कि इस मुख्य अभियंता के मार्गदर्शन में नेविगेशन सेवा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस तरह श्रमिकों को अपने हक और अधिकार से वंचित करके कानून का मजाक उडाया जा रहा है. हाल ही कोराडी पावर प्लांट में कार्यरत ठेका श्रमिकों ने लिखित आवेदन राकांपा के जिला उपाध्यक्ष भूषण चंद्रशेखर को सौंपा है, जिसमे स्पष्ट किया है कि अन्यायग्रस्त श्रमिक मामले में हस्तक्षेप करके उन्हे न्याय दिलाया जाए।
राकापा नेता चंद्रशेखर के अनुसार सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार कुशल, अर्धकुशल और अकुशल की श्रेणियों में न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाना चाहिये था, श्रम कानून के मुताबिक संविदा कर्मियों को उनकी श्रेणी के अनुसार वेतन देना अनिवार्य होता है। लेकिन यहां विधुत प्रबंधन द्वारा जानबूझकर शासन के अधिसूचना की अवहेलना करके अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे है. नतीजतन इसे ठेका श्रमिकों में असंतोष फैलाने का घिनौना षडयंत्र माना जाएगा। उदाहरणार्थ ई-टेंडर नं. KTPS / PUR / 2021-22 / OS-660 / RFX-3000023518.
पहले कार्य आदेश संख्या केटीपीएस/4600001626 दिनांक 13.10.2020 के अनुसार संचालन सेवा विभाग के ठेका श्रमिक अर्धकुशल श्रेणियों में आते है और तदनुसार न्यूनतम वेतन का भुगतान करवाना विधुत प्रबंधन का कर्तव्य बनता है, उन्होंने टेंडर को तत्काल स्थगित करने की मांग भी की है।
राकापा नेता के मुताबिक आसमान छूती महंगाई के मद्देनजर ठेका श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में वृद्धी होना चाहिये था, श्रमिकों की श्रेणियों में कमतरता दर्शाकर उनके हक और अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है। आज पूरे महाराष्ट्र के बिजलीघरों में ठेका मजदूरों की संख्या करीबन 12 हजार है। समय बदलने के साथ-साथ राजनीतिक पैंतरेबाज़ी भी बदल रही है। वर्तमान अघाडी सरकार को नीचा दिखाने के उद्देश से ठेका कर्मियों असंतोष का माहौल पैदा किया जा रहा है।
श्री चंद्रशेखर ने आगे बताया कि इस प्रकार घोर अन्याय के खिलाफ आंदोलन छेड़ा जा सकता है ? अन्यायग्रस्त श्रमिकों ने अपने संयुक्त बयान में कहा गया है, कि इस अन्याय के खिलाफ श्रमिकों को आंदोलन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है ताकि आंदोलनकारी श्रमिकों को आसानी से निलंबित एवं बर्खास्त किया जा सके. वही हाल एसटी कर्मचारियों का है जबकि एस टी कर्मचारियों की स्थिती की प्रबल संभावना है।
इस पावर प्लांट में जारी कार्य आदेश पीओ नं. केटीपीएस/4500116303 दिनांक 15.11.2021 के अनुसार कार्य करने वाले संविदा श्रमिकों को आज तक अर्धकुशल श्रेणी के अनुसार भुगतान किया जा रहा था।
दूसरी ओर, नई आमंत्रित ई- निविदा क्रं KTPS / PUR / 2021-22 / OS-660 / RFX-3000023518 मे दर्ज नियम व शर्तों के अनुसार इस कार्य के लिए सभी अर्ध-कुशल श्रमिकों को अकुशल श्रेणी में रखने का उल्लेख है। नतीजतन श्रमिकों को जानबूझकर मानसिक परेशानी मे डालने का षडयंत्र शुरु है। इससे श्रमिकों को आर्थिक शोषण का सामना करना पड सकता है। इस संबंध में राकापा जिला उपाध्यक्ष ने कोराडी पावर प्लांट प्रबंधन के खिलाफ निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच की मांग मुख्यमंत्री,उप मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री, श्रम मंत्री प्रमुख्य श्रम सचिव,महानिर्मिती के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, निदेशक संचालन, कार्यकारी निदेशक से की है।