भारतीय हॉकी टीम में हो रहा सुधार
नागपूर समाचार : भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और हरियाणा सरकार में खेल मंत्री संदीप सिंह शनिवार को कहा कि भारतीय हॉकी में लगातार सुधार हो रहा है. इसके परिणाम स्वरूप टोक्यो ओलम्पिक में भारत ने 41 वर्ष बाद कांस्य पदक जीता. बड़े टूर्नामेंट के बाद सभी बड़ी टीमों में बदलाव होते हैं और हमारी हॉकी टीम अभी इसी दौर से गुजर रही है. सिंह ने खासदार क्रीड़ा महोत्सव के चौथे सत्र की तारीख घोषणा कार्यक्रम से पहले कविवर्य सुरेश भट सभागृह में आयोजित मीट द प्रेस में ये बातें कहीं.
2 बार के ओलम्पियन संदीप ने कहा कि हमें भविष्य को ध्यान में रखकर खिलाड़ियों को तैयार करने की जरूरत है. पेरिस ओलम्पिक में लगभग 3 वर्षों का समय बचा है और हमें अच्छे परिणाम के लिए उन खिलाड़ियों को चुनना होगा जो इस खेल महाकुंभ के बाद बड़े टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकें. उन्होंने कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स के आयोजन के बीच कम समय को लेकर कहा कि फेडरेशन को इस पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि खिलाड़ियों के लिए लगातार टूर्नामेंट में अपना पिक हासिल करना मुश्किल होता है.
स्पोर्ट्स फैक्ट्री बना हरियाणा : हरियाणा ओलम्पिक एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप ने कहा कि खेल में पहले हरियाणा का नाम बहुत कम आता था लेकिन 2014 से हमने राज्य में खेल को लेकर कई बदलाव किए और आज हरियाणा देश की स्पोर्ट्स फैक्ट्री बनकर उभरा है. ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़ रुपए देने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है. खिलाड़ियों को सत्कार करते समय तुरंत ही उनके एकाउंट में पुरस्कार राशि भेज दी जाती है. खिलाड़ियों को हमेशा अच्छे प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि उनके सफल होने से नाम, प्रसिद्धि और पैसा खुद उनके पास आ जाएगा.
वर्तमान समय में टीम के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर के बारे में संदीप ने कहा कि भारतीय टीम में हरमनप्रीत, रुपिंदर पाल, वरुण जैसे शानदार ड्रैग फ्लिकर हैं. हमारे पास जूनियर खिलाड़ियों की एक बड़ी पूल तैयार है जो समय आने पर सीनियर टीम वैक्यूम को भरने के लिए तैयार है. न सिर्फ पुरुष बल्कि है महिला टीम में भी कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो जरूरत के अनुसार सभी भूमिका निभाने में सक्षम हैं.
मेंटल हेल्थ, डायट भी जरूरी संदीपजी जोशी ने कहा : कि हर खिलाड़ी के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन वे इसको मात देकर कैसे वापसी करते हैं, यह बहुत जरूरी है. सभी खिलाड़ियों के लिए शारीरिक फिटनेस, तकनीकी दक्षता के साथ-साथ मेंटल और अच्छी डायट पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. कोविड काल में मेंटल हेल्थ पर खूब चर्चाएं हुईं और हमारी कोशिश है कि इन परिस्थितियों से निपटने के लिए हरसंभव सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं अपने जीवन पर बनी फिल्म ‘सुरमा के बारे में उन्होंने कहा कि हर खिलाड़ी और इंसान के ऊपर एक फिल्म बन सकती है, वे सभी अपने जीवन में संघर्ष करते हैं. पाकिस्तान के खिलाफ सर्वाधिक गोल करने वाले ड्रैग फ्लिकर ने कहा कि बायोपिक के जरिए ड्रेसिंग रूम की बातें और खिलाड़ियों के संघर्ष के बाद सफल होने की कहानी युवाओं को प्रेरित करेगी.
ज्वाला गुट्टा, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी : वर्तमान समय में भारत के पास बैडमिंटन में अच्छी महिला युगल और मिश्चित युगल जोड़ी की कमी है. हम हमेशा एक्क खिलाड़ी के प्रदर्शन से खुश हो जाते हैं लेकिन पीवी सिंधु और साइना नेहवाल के रिटायरमेंट के बाद हमारे पास शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी की कमी हो जाएगी. मैं हमेशा खुद को गवर्नमेंट प्रोडक्ट मानती हूं मेरा मानना है कि प्राइवेट एकेडमी कोहर कोई अफोर्ड नहीं कर सकता. इसलिए सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए ताकि यास रूट लेवल पर खिलाड़ियों का बड़ा पूल तैयार हो सके और वे भारत के लिए पदक जीत सकें.