परोपकार जीवन को बदल देता हैं : मुनिश्री जयकीर्तिजी
नागपुर समाचार : परोपकार जीवन को बदल देता हैं. सेवा, परोपकार, दिया हुआ धन कभी व्यर्थ नहीं जाता यह उदबोधन विशिष्ठ रामकथाकार, ध्यान दिवाकर, अनुष्ठान विशेषज्ञ मुनिश्री जयकीर्तिजी गुरुदेव ने शुक्रवार को श्री. सैतवाल जैन संगठन मंडल और पुलक मंच परिवार द्वारा आयोजित सेवा ही परमो धर्म इस विषय पर विशेष उदबोधन महावीरनगर स्थित श्री. सैतवाल जैन संगठन मंडल के सभागृह में दिया.
मुनिश्री जयकीर्तिजी गुरुदेव ने ओजस्वी वाणी में कहा संसार में जीव सेवा करता हैं. मानव सब कुछ अपने लिए करता हैं वह स्वार्थ हैं. मानव दूसरों के लिए कुछ कर सकता हैं. सेवा करने के लिए बहुत बड़ा मन होना चाहिये. संसार में आये आत्मा का कल्याण करना चाहिए. सेवा का कार्य आगे भी करना हैं. सेवा का दूसरा नाम परोपकार हैं. मन के अंदर सेवा का भाव होना चाहिए. दूसरों की सेवा नहीं करना, परोपकार नहीं करना गरीबी हैं. जीवन को उपाय नहीं हैं तो साधु के शरण में आना चाहिए. सेवा, परोपकार के लिए बहुत बड़ा मन लगता हैं. सेवा, परोपकार के लिए दिया हुआ धन कभी व्यर्थ नहीं जाता. परोपकार जीवन को बदल देता हैं, सेवा जीवन को बदल देती हैं. जीवन में सेवा परोपकार करना चाहिए.
धर्मसभा में दीप प्रज्ज्वलन नगरसेवक संजय बालपांडे, चंद्रकांत वेखंडे, सुभाष कोटेचा, सतीश जैन पेंढारी, डॉ. रिचा जैन, पंकज बोहरा, दिलीप राखे, दत्ता शिर्के, पीयूष शाह, रवींद्र वोरा, डॉ. रवींद्र भुसारी ने किया. मंगलाचरण राष्ट्रीय जैन महिला जागृति मंच की महिला सदस्याओं किया. संपदा राजणे ने भजन प्रस्तुत किया. गुरुदेव का परिचय शाखा अध्यक्ष शरद मचाले ने दिया. गुरुदेव का चरण प्रक्षालन शरदचंद्र अवथनकर, पुष्पा अवथनकर, संजय अवथनकर, वंदना अवथनकर, विजयराव कापसे, अविनाश मुधोलकर ने किया. गुरूदेव को जिनवाणी भेट गिरधारीलाल जेजानी परिवार, दिनेश जोहरापुरकर परिवार ने दी.
विधायक मोहन मते ने गुरुदेव को श्रीफल भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया. हर्ष नीलेश भुसारी नन्हे बालक ने आंखों पर पट्टी बांधकर भक्तों के आधारकार्ड पर के नाम, हाथ में नोट लेकर कितने मूल्य की हैं वह बताया, मोबाइल में किसी भी भगवान की फोटो बताया तो सही बताया. रामकथा की विस्तृत जानकारी पंकज बोहरा ने दी. पुलक मंच परिवार के कार्यो की जानकारी राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष मनोज बंड ने दी. धर्मसभा का संचालन मनोज बंड और आभार प्रदर्शन सूरज जैन पेंढारी ने किया.
इसके पूर्व श्री. पार्श्वप्रभु दिगंबर सैतवाल जैन मंदिर इतवारी शहीद चौक से गुरुदेव का आगमन महावीरनगर परिसर में होते ही जगह जगह पुष्पवर्षा, चरण प्रक्षालन भक्तों ने किया. पुलक मंच परिवार कार्यालय में पुलक मंच परिवार के सदस्यों ने गुरुदेव का भव्य स्वागत किया. महावीरनगर रंगोली से सजाया था.