अटैक के बाद दिल में पड़ा छेद, न्यू ईरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बचाई मरीज़ की जान
नागपुर समाचार : सिटी के न्यू ईरा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की कॉर्डियोलॉजी टीम ने 50 वर्षीय एक व्यक्ति की जान बचाई. इस मरीज का दिल का दौरा पड़ने के बाद दिल में छेद हो गया था. 50 वर्षीय कामताप्रसाद देवांगन को एक्यूट हार्ट अटैक आया था जिससे उसके दिल में छेद हो गया था. यह दिल के दौरे की दुर्लभ और घातक जटिलताओं में से एक है जिसमें मृत्यु दर 90 फीसदी से अधिक है.
डॉ. निधीश मिश्रा ने बताया कि इस जटिलता के लिए उच्च जोखिम वाली ओपन हार्ट सर्जरी की आवश्यकता होती है जो स्वयं 15-20 फीसदी मृत्यु जोखिम वहन करती है. इस सर्जरी से बचने का एक अन्य विकल्प बिना सर्जरी के उपकरण के साथ इस छेद को बंद करना है लेकिन ऐसी जटिल प्रक्रिया आमतौर पर मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद आदि जैसे बड़े शहरों में ही की जाती है. इसके पीछे मुख्य कारण समर्पित और कुशल कॉर्डियक सर्जिकल टीम और अत्याधुनिक तकनीक की कमी है. न्यू ईरा अस्पताल की कॉर्डियोलॉजी टीम ने इसे चुनौती के रूप में लिया और सेप्टल ऑक्लूड डिवाइस द्वारा इस छेद को बंद करने की योजना बनाई.
यह प्रक्रिया 23 नवंबर को की गई, जो सफल रही. रोगी में सुधार हुआ और 26 नवंबर को स्थिर स्थिति में छुट्टी दे दी गई. यह प्रक्रिया डॉ. निधिश मिश्रा, डॉ. आनंद संचेती के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम द्वारा की गई. डॉ. संदीप धूत, डॉ. मनीष चौखंद्रे, डॉ. आयुष्मा जेजानी और अन्य कैथ लैब कर्मचारियों द्वारा सहायता प्रदान की गई. अस्पताल के निदेशक डॉ. नीलेश अग्रवाल ने बताया कि चिकित्सक और उन्नत तकनीक की हमारी विशेषज्ञ टीम ऐसे गंभीर मामलों को संभालने में मदद करती है. हमारी कॉर्डियक टीम पर तरह से किसी भी आपातकालीन स्थिति को संभालने के लिए तैयार है.