नागपुर समाचार : चंद्रपुर के व्याघ्र प्रकल्प से हाल ही में नरभक्षी बाघ (केटी-1) को पकड़ा गया है, जिसे गोरेवाड़ा के बचाव केंद्र में रखा गया है। हालांकि यहां पहले से 7 से ज्यादा बाघ मौजूद हैं। ऐसे में केटी-1 को महाराजबाग जू में भेजने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल वन विभाग ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। महाराजबाग में वर्षों से बाघ की कमी बनी हुई है। यहां सिर्फ एक बाघिन है। केटी-1 के आने से बाघ की कमी पूरी हो जाएगी।
बार-बार होती रही है बाघ की मांग
नागपुर जिले का एकमात्र जू महाराजबाग हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र है। तेंदुए से लेकर भालू व विभिन्न प्रजाति के पक्षी यहां मौजूद होने से हर कोई छुट्टी बिताने के लिए यहां आता है। यहां एक बाघिन वर्षों से अकेली रह रही है। इसके लिए महाराजबाग प्रशासन ने बार-बार नर बाघ की मांग की है, लेकिन अभी तक गोरेवाड़ा से यहां बाघ नहीं दिया गया है। कुछ महीने पहले सुल्तान नामक बाघ को महाराजबाग भेजने की उम्मीद थी, लेकिन इसे मुंबई के चिड़ियाघर में भेज दिया गया। केटी-1 को गोरेवाड़ा में 4 दिन पहले ही रेस्कयू कर लाया गया है। इस नरभक्षी बाघ ने कई लोगों की जान ले ली है।