राज्य में अब अनुदानित स्कूलों को मंजूरी नहीं विधानसभा में फडणवीस ने दी जानकारी
नागपुर समाचार : महाराष्ट्र के उपमुखमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में 3,900 शालाएं हैं. इन शालाओं में जो शिक्षक हैं. उन शिक्षकों के वेतन पर 1100 करोड़ रुपए का बोझ पड़ता है. ऐसे में अब नई अनुदानित स्कूलों को सरकार मंजूरी नहीं देगी. साथ ही फडणवीस ने कहा कि वर्ष 2005 से जो पेंशन बंद हुई है, उसे फिर से बहाल नहीं कर सकते. अगर इस पेंशन को लागू किया तो सरकार पर पेंशन का 1 लाख 10 हजार करोड़ का बोझ और बढ़ेगा. सरकार ये वहन नहीं कर सकती. विधानसभा में आज सरकारी अनुदानित और बगैर अनुदानित स्कूलों का मुद्दा प्रश्नकाल में उठा. जिस पर फडणवीस ने जवाब दिया.
शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि जिन स्कूलों में कई वर्षों से शिक्षक काम कर रहे हैं, उनको राहत देने के लिए सरकार की ओर से पहले 20 फिर 40 और अब 40 से 60 प्रतिशत अनुदानित वेतन दिया जा रहा है. कई जिलों से हमारे पास शिकायतें भी आई हैं कि कई शिक्षक 10 से 15 साल से काम कर रहे हैं. ऐसी स्कूलों को सरकार ने मदद की है, लेकिन शिक्षकों ने भी ध्यान रखना चाहिए कि जो स्कूल अनुदानित नहीं है, वहां वेतन कैसे मिलेगा. इस को देखना चाहिए. कोई शिक्षक शिकायत करता है तो उसकी दखल ली जाएगी. मंत्री ने कहा कि 5 वीं कक्षा से सभी स्कूलों में मातृभाषा में शिक्षा देनी होगी. कई देशों में जैसे फिर फ्रांस हो, जापान हो वहां उनकी भाषा में ही शिक्षा दी जाती है. शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. सरकार की नीति है कि छात्रों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा मिले. स्कूल में एक छात्र होगा तो भी उसे पढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार की है.