नागपुर समाचार : कोरोना लॉकडाउन में छूट देते हुए कुछ शर्तों के साथ उद्योग-कारखानों को शुरू करने की अनुमति प्रशासन ने पहले ही दी है. अब ऐसे उद्योगों में अधिकारियों की टीम आकस्मिक जांच कर यह देखेगी कि क्या कोरोना की रोकथाम के लिए निर्धारित नियमों व शर्तों का पालन किया जा रहा या नहीं. जिलाधिकारी कार्यालय में कलेक्टर रवीन्द्र ठाकरे ने इस संदर्भ में विविध उद्योग संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक ली. इस बैठक में जिप सीईओ योगेश कुंभेजकर, अपर जिलाधिकारी श्रीकांत फडके, निवासी उपजिलाधिकारी रवींद्र खजांची, विदर्भ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश राठी, हिंगणा एमआईडीसी एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रशेखर शेगांवकर, उपाध्यक्ष शेखर पटवर्धन, बूटीबोरी मैन्युफैक्चर एसोसिएशन के सचिव शशिकांत कोठारकर व नितिन लोणकर उपस्थित थे.
तकलीफ देने का उद्देश्य नहीं
कलेक्टर ने बैठक में उद्यमियों को आश्वस्त किया कि यह जांच उद्योग को किसी तरह की तकलीफ देने के लिए नहीं होगी. जांच में यह देखा जाएगा कि कामगारों की थर्मल स्क्रिनिंग हो रही है या नहीं, उद्योग परिसर को सैनिटाइज किया है या नहीं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है या नहीं. जांच टीम बनाई गई है जिसमें प्रशासन के अधिकारी व उद्योग क्षेत्र के पदाधिकारियों को शामिल किया गया है. 18 जून से यह टीम काम शुरू करेगी.
सहयोग की अपील
ठाकरे ने कहा कि अपने कारखानों में काम करने वाले कामगारों को अगर बुखार, खांसी आदि की शिकायत हो तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें. ऐसे कर्मचारियों को काम पर नहीं आने दें. कोरोना के स्वैब जांच की अच्छी सुविधा है और नागपुर में एक दिन में 1750 स्वैब जांच हो रही है. अगर उद्योग समूह सिफारिश करे तो कोरोना लक्षण वाले कामगारों के स्वैब की जांच व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कोरोना की बढ़ते चेन को रोकने के लिए सभी से सहयोग की अपील की.