बाबा जुमदेवजी अमर रहे, जब तक सुरज – चांद रहेगा बाबा तेरा नाम रहेगा के नारों से गुंज सारा परिसर
नागपुर समाचार : महानत्यागी बाबा जुमदेवजी मानवधर्म उगमस्थान संस्थान टिमकी नागपुर द्वारा नागपूर के नंदनवन परिसर में भव्य सेवक संम्मेलन और हलदीकुंकू का सफल आयोजन किया गया था।
इस सेवक सम्मेलन को बनाने के लिए 11 शाखा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। सभी शाखाओं के कार्यकर्ताओं ने अपने अनुभवों को साझा किया। इसी प्रकार सुबह परम पूज्य महानत्यागी बाबा जुमदेवजी भव्य रैली निकाली गई। इस रैली में बाहर गांव से संख्या में सेवक और सेविका शामिल हुए थे। रैली के दौरान बाबा जुमदेवजी अमर रहे, जब तक सुरज – चांद रहेगा बाबा तेरा नाम रहेगा के नारों से सारा परिसर मंगलमय हो गया। रैली समाप्त होने के बाद भव्य सेवक सम्मेलन प्रांरभ हुआ।
इस दौरान विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसमें छोटे बच्चों ने द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया। उसके पश्चात बाबा ऑर्केस्ट्रा का ‘लाइव’ प्रोग्राम किया गया। जिसमें महानत्यागी बाबा जुमदेवजी के जीवन पर आधारित गित प्रस्तुत किए गए। इन गीतों से सम्मेलन में बाहर गांव से शामिल हुए सेवक और सेविका बाबा के गानों पर थिरकने के लिए मजबूर कर दिया।
सेवक सम्मेलन समाप्ति पश्चात बाहर गांव से शामिल हुए सेवक और सेविका को भोजन वितरण किया गया। इस सेवक सम्मेलन में तकरीबन 15 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और सेवक सम्मेलन को सफल बनाया।
श्री. मनोहरजी ठुंब्रीरीकर (अमेरिका) : इन्होंने इस अवसर पर मार्गदर्शन करते हुए कहा कि अंधविश्वासों को मिटाने, व्यसन मुक्त समाज बनाने और सुखी जीवन जीने की प्रेरणा देने वाले परम पूज्य महान त्यागी बाबा जुमदेवजी ने दुखी, व्यसनी और गरीब लोगों के लिए महानत्यागी बाबा जुमदेवजी संस्थान स्थापना की। कई जातियों और धर्मों के लोग शामिल हैं। और उन्होंने मानव धर्म की एक नई संस्कृति बनाई है।
व्यसन मुक्त समाज बनाने में महान त्यागीबाबा जुमदेवजी का कार्य अमूल्य है। वर्षों से जड़ जमाए हुए अंधविश्वासों और कुरीतियों को दूर करने का कार्य भी इसी धर्म की ओर से किया गया है। आज इस धर्म से जुड़ा वास्तविक सेवक विकास की मुख्य धारा में आ गया है। कई परिवार सही रास्ते पर हैं और परिवार का जीवन स्तर बढ़ रहा है। सही अर्थों में मानव धर्म समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इस अवसर पर रमेशजी ठुंब्रिकर, विठा ताई ठुंब्रिकर, सुमीत भाऊ ठुंब्रिकर, स्वप्निल ठुंब्रिकर भाऊ, उत्कर्षा ताई ठुंब्रिकर, सुनिता ताई वंजारी, वासुदेव पोटभरे (पत्रकार), राहुल ठुंब्रिकर, विक्की डोईफोड, नरेंद्र वंजारी, महेंद्र हेड़ाऊ, रवि पौणिकर, सुधांशु वैघ, रवि निनावे, श्रद्धा पोटभरे, गुड्डी वंजारी, सुजाता हेड़ाऊ तथा 11 शाखाओं के मार्गदर्शक और कार्यकर्ता आदि प्रमुखता से मौजूद रहकर सेवक सम्मेलन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।