नागपूर समाचार : छोटी-बड़ी दुकान हो या शोरूम, उसके बाहर अब आपको सैनिटाइजर रखा जरूर मिलेगा। क्योंकि अब सैनिटाइजर व मास्क आपकी दीनचर्या में शामिल हो चुका है। सैनिटाइजर व मास्क की उपलब्धता भी अब बाजार में भरपूर है। यह दुकानों पर ही नहीं बस स्टैंड से लेकर फुटपाथ तक पर बिक रहा है। आज से तीन माह पहले तक आमजन जहां इनका उपयोग तक नहीं जानते थे। आज दोनों ही वस्तुएं अपना अच्छा-खासा बाजार बना चुकी हैं। इनकी कीमतें भी ग्राहक की जेब का ध्यान रखते हुए निर्धारित हो चुकी हैं। बाजार में 5 रुपये से लेकर 500 रुपये तक का मास्क उपलब्ध हैं। जबकि सैनिटाइजर 1 रुपये में 2 एमएल बिक रहा है।
गौरतलब है कि जब कोरोना संक्रमण के लिए लॉकडाउन घोषित किया था। तब बाजार से मास्क व सैनिटाइजर पूरी तरह गायब हो चुके थे। इन दोनों वस्तुओं की कालाबाजारी शुरू हो गई थी। सरकार ने इन्हें आवश्यक वस्तु अधिनियम में लाकर इनकी कालाबाजारी रोकी और स्थानीय स्तर पर मास्क व सैनिटाइजर बनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया। जिसके चलते बड़ी-बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में उतरीं तो वहीं स्थानीय स्तर पर लोगों ने भी बनाना शुरू किया। जिसका नतीजा है कि मास्क व सैनिटाइजर की बाजार में भरपूर उपलब्धता है।
डिजाइनर मास्क
बाजार में कई तरह के मास्क आ रहे हैं। अब सामान्य के साथ डिजाइजनर मास्क की भी डिमांड बढ़ने लगी है। डिजाइनर मास्क में रंग-बिरंगे होने के अलावा, चहरे से मैच होने वाले मास्क भी बाजार में आ चुके हैं। सामान्य मास्क जहां 5 रुपये से 50 रुपये तक उपलब्ध हैं। वहीं केएन-95 मास्क 100 रुपये में उपलब्ध है। जबकि चहरे से मैच होने वाले मास्क की कीमत 500 व इससे भी अधिक है। जबकि एक माह पहले तक साधारण व केएन-95 मास्क ब्लैक में बिक चुका है।
मास्क की कीमत
- सामान्य 05
- कपड़े का 10
- कपड़े में डिब्बी 30
- रंगीन कपड़े में डिब्बी 50 से 100
- केएन-95 100
- एन-95 रंगीन 125 से 200
- फेस मैचिंग मास्क 250 से अधिक
सैनिटाइजर
कई बड़ी व स्थानीय कंपनियों के सैनिटाइजर मार्केट में आ चुके हैं। इनकी कीमत भी सरकार द्वारा निर्धारित कर दी गई है। एक रुपये में दो एमएल खेरिज में बेचा जा सकता है, इसलिए 50 एमएल की कीमत 25 रुपये और 100 एमएल 50 रुपये में उपलब्ध है। हालांकि कीमत निर्धारित होने से कुछ बड़ी कंपनियां सैनिटाइजर सप्लाई नहीं कर रही हैं।
वर्जन
लॉकडाउन के बाद अचानक से सैनिटाइजर व मास्क का उपयोग बढ़ा। जिसके कारण बाजार में इनकी कमी आ गई। कंपनियों पर भी स्टॉक कम था, इसलिए बीच में कालाबाजारी भी हुई। पर अब भरपूर है और डिजाइनर मास्क भी आ रहे हैं।