नागपुर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टरों का कमाल
नागपुर समाचार : शहर के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के मस्तिष्क रोग उपचार विभाग के डॉक्टर इलाज के लिए आए मरीजों के मस्तिष्क से ‘ट्यूमर’ (गांठ) को सफलतापूर्वक निकालने में कामयाब रहे, जिससे वे सर्जरी के दौरान सचेत रहे। इससे ट्यूमर के दो मरीजों को जीवनदान मिला है साथ ही मरीजों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया.
सुपर स्पेशियलिटी न्यूरोलॉजी विभाग में 4 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर बनाया गया है. यहीं दो मरीज़ों – मिथिलेश गौतम, जिनकी (20) और रेखा झांझल (30) को बिना सुन्न किए, सचेत रखकर उनके मस्तिष्क के ट्यूमर का ऑपरेशन कर उसे निकाला गया.
नागपुर के मिथिलेश और मध्य प्रदेश की रेखा गंभीर सिरदर्द से पीड़ित थे. परिजन उन्हें जांच के लिए प्राइवेट अस्पताल ले गए. चूंकि प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराना किफायती नहीं था, अंततः उन्हें सुपर स्पेशियलिटी में लाया गया. ब्रेन ट्यूमर के कारण दोनों मरीज बोलने में असमर्थ थे.
न्यूरोसर्जन डॉ. प्रमोद गिरी के नेतृत्व में डाॅ. संजोग गजभिये, एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. श्रीकांत कालबागवार, न्यूरो एनेस्थेटिस्ट डॉ. शिल्पा जयसवाल, डाॅ. पंकज भोपाले, डाॅ. मंगेश मुलवकर, डॉ. कमलेश रंगारी, डाॅ. पीयूष थोम्ब्रे की मेडिकल टीम ने ब्रेन ट्यूमर ‘अवेक क्रैनियोटॉमी’ सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया.
डॉक्टरों ने बताया कि दोनों मरीजों को ब्रेन ट्यूमर था. यह एक जोखिम भरी सर्जरी थी. अगर चोट लग जाती तो दोनों बोलने की क्षमता खो देते. केवल सर्जरी के लिए जरूरी हिस्से को सुन्न किया गया और इन मरीजों की सर्जरी की गई. इसे चिकित्सकीय भाषा में ‘अवेक क्रैनियोटॉमी’ कहा जाता है.