हाइलाइट
- संगीत नाटक की प्रस्तुति से श्रोता भावविभोर
- समारोह के तीनों दिन श्रोताओं की रही भारी भीड़
नागपुर समाचार : दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर द्वारा गायक एवं नट स्व. डॉ. वसंतराव देशपांडे जी की स्मृति में दि. 28 से 30 जुलाई 2023 तक तीन दिवसीय “32 वें डॉ. वसंतराव देशपांडे स्मृति संगीत समारोह” का आयोजन किया गया। जिसका दिनांक 30 जुलाई 2023 रविवार को रंगारंग समापन हुआ।
कार्यक्रम के प्रारम्भ मे केंद्र के प्रभारी निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा द्वारा वरिष्ठ रंगकर्मी श्री किशोर आयलवार जी को, केंद्र की ओर से उनके द्वारा थिएटर के क्षेत्र मे दिए गये योगदान के लिये शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
समारोह के समापन दिवस पर मराठी संगीत नाटक “संगीत माऊली” की प्रस्तुति हुई। यह संगीत नाटक साढ़े सात सौ वर्ष पूर्व निवृत्ति, ज्ञानदेव, सोपान, मुक्ताबाई जैसे विश्वविख्यात संतो के जन्म के पहले की कहानी, जो इनके माता पिता “विठ्ठलपंत एवं रुक्मिणी” के जीवन पर आधारित थी। इसमे विठ्ठलपंत एवं रुक्मिणी के जीवन संघर्ष को बड़े ही सटीकता से रगमंच पर प्रस्तुत किया गया है।
इसमे विठ्ठलपंत एवं रुक्मिणी का विवाह, विठ्ठलपंत का ज्ञान प्राप्ति के लिए पत्नी को छोड़कर काशी चले जाना, आळंदी मे विठ्ठलपंत के गुरु रामानंद स्वामी एवं रुक्मिणी की मुलाक़ात, रामानंद स्वामी द्वारा पुत्रवती का आशीर्वाद देने पर रुक्मिणी का उन्हे बताना की यह कैसे संभव नहीं है। रामानंद स्वामी को पता चलना की उनका शिष्य ही उसका पति है, विठ्ठलपंत का ग्रहस्त जीवन मे आगमन, इसके पश्चात का घटनाक्रम जिसमे उस समय के ब्राह्मणों ने उन पर किस प्रकार अत्याचार किया, उन्हें प्रायश्चित करने के लिए मजबूर किया, उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में रहने के लिए मजबूर किया। इसका अंतिम परिणाम इस नाटक में नाटकीय ढंग से दिखाया गया। इन सब प्रसंगों को कलाकरों ने अपनी कला से बेहद बारीकी से प्रस्तुत किया।
इस नाटक मे 12 गाने थे जो अत्यधिक श्रवणीय थे| यह नाटक दो अंकीय था। इसमे साहिल विशे – विठ्ठलपंत, डॉ गौरी पंडित – रुक्मिणी, तन्वी गोरे – गौरी, आनंद पालव – महादेव, कविता विभावरी – आई, श्रेयस व्यास – सूत्रधार, ऋषिकेश भोसले/ मनोज नटे – शास्त्री एवं सचिन नवरे – सिद्धोपंत की प्रमुख भूमिकाओं में थे।
यह मराठी संगीत नाटक अमृत नाट्य भारती, मराठी साहित्य संघ, मुंबई द्वारा प्रस्तुत, श्री प्रदीप ओक लिखित व संगीत डॉ राम पंडित का था। दिग्दर्शन वरिष्ठ रंगकर्मी एवं सुप्रसिध्द अभिनेता श्री प्रमोद पवार ने किया। इनके ही नेतृत्व मे इस नाटक की प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम के अंत मे सभी सहभागी कलाकरो को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के तीनों ही दिन भारी संख्या में रसिक श्रोताओं की उपस्थिती रही। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन श्रीमती रेणुका देशकर ने किया।
इस तीन दिवसीय समारोह को यशस्वी बनाने मे केंद्र के सहा. निदेशक श्री दीपक कुलकर्णी, श्री गोपाल बेतावार, लेखा एवं प्रशासनिक अधिकारी श्री गणेश थोरात, श्री दीपक पाटिल, कार्यक्रम अधिकारी श्री शशांक दंडे, आस्थापन अधिकारी श्री श्रीकांत देसाई इनका योगदान रहा।