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चंद्रयान-3 : भारत ने रचा इतिहास, चंद्रयान 3 सफलता के साथ चाँद के दक्षिणी हिस्से में उतरा

चंद्रयान-3 : देशवासियों के लिए आज का दिन बेहद गर्व करने वाला है। भारत के चंद्रयान तीन ने आज इतिहास रच दिया है। चंद्रयान तीन सफलता के साथ चाँद के दक्षिणी हिस्से में उतर गया है। इस सफलता के साथ भारत चाँद पर उतरने वाला दुनिया का चौथा और दक्षिणी हिस्से में उतरने वाला पहला देश बन गया है। भारत के पहले अमेरिका और रूस प्रयास कर चुके हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।

14 दिन रहेगा चाँद पर 

चाँद पर सफलता से उतरने के बाद हमारा चंद्रयान यानी विक्रम रोवर 14 दिन तक रहेगा यानी चाँद का एक दिन। ज्ञात हो कि, चाँद का एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों का होता है। इस दौरान विक्रम रोवर यह चाँद पर पानी सहित वहां मौजूद खनिजों की जांच करेगा। 

दुनिया का चौथा देश जिसने चाँद को किया फतह 

भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है। जिसने चाँद पर झंडा गड़ा है। भारत के पहले अमेरिका, चीन, रूस चाँद पर पहुंच चुके हैं। हालांकि, चाँद के दक्षिणी हिस्से यानी दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया है। इसके पहले अमेरिका और रूस ने कई प्रयास किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। बीते दिनों रूस का लूना 25 दक्षिणी हिस्से में उतरने का प्रयास किया, लेकिन उतरने से पहले ही वह क्रैश हो गया। 

615 करोड़ का आया खर्च

चंद्रयान-3 का अनुमानित बजट 615 करोड़ रुपये है जो भारत के सबसे किफायती अंतरिक्ष मिशनों में से एक है। 2020 में इसरो के पूर्व प्रमुख के सिवन ने कहा था कि चंद्रयान-3 की लागत करीब 615 करोड़ रुपये है। लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल की लागत 250 करोड़ रुपये और लॉन्च सेवाओं की लागत लगभग 365 करोड़ रुपये है। ऐसा अनुमान है कि मिशन का बजट बढ़ गया है क्योंकि इसे 2021 में लॉन्च किया जाना था और इसमें दो साल की देरी हो गई है। सबसे महत्वपूर्ण चंद्रयान-3 का बजट हाल ही में आई आदिपुरुष से भी कम है।

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