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नागपुर समाचार : नाग नदी को किया जाएगा गहरा, DCM फडणवीस बोले- 21 करोड़ खर्च कर बनाई जाएगी कॉन्क्रीट की सुरक्षा दिवार

नागपुर समाचार : 23 सितंबर की आई बाढ़ के बाद राज्य सरकार ने भविष्य में दोबारा ऐसा न हो इसको लेकर योजना बनाई है। इसके तहत नाग नदी को डेढ़ मीटर को गहरा किया जाएगा। इसी के साथ अंबाझरी तालाब की सुरक्षा दिवार को कॉन्क्रीट की दिवार बनाई जाएगी, इसमें 21 करोड़ रूपये खर्च किया जाएगा। इस बात की जानकारी आयोजित प्रेस वार्ता में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आयोजित प्रेस वार्ता में दी। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, ओवरफ्लो से लेकर पंचशील चौक के बीच जितने भी पुल है उसको ठीक किया जाएगा।

नागपुर में हुई भारी बारिश के बाद बने बाढ़ के कारण शहर के हिस्से पानी में डूब गए थे। सबसे ज्यादा नुकसान नाग नदी से लगने वाले क्षेत्रों में हुआ था। इस दौरान लोगों के घरो में कई फूट पानी जमा हो गया था, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था। बाढ़ के दौरान बने हालात दोबारा न आए  इसके लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया गया। जिसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आयोजित प्रेस वार्ता में दी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ” अंबाझरी तालाब की सुरक्षा दिवार मिटटी की बनी हुई है। जिसको देखते हुए उसकी मजबूती के लिए क्रॉस सेक्शन को दुरूस्त करने और पत्थर पिचिंग करने का काम भी किया जाएगा। इसी एक साथ तालाब के निचले हिस्से में एक ड्रेन का भी निर्माण किया जाएगा। इसके लिया 11 करोड़ का बजट दिया दिया जाएगा।” इसी के साथ फडणवीस ने यह भी ऐलान किया कि, तालाब के किनारे से 100 मीटर के दायरे में किसी भी तरह का निर्माण कार्य वर्जित रहेगा। जिससे पानी का जो प्रवाह है वह बीना किसी अवरोध से चल सके।”

चरणों में काम होगा पूरा

उपमुख्यमंत्री ने कहा, “बाढ़ के कारण 234 करोड़ का नुकसान हुआ था। जिसकी भरपाई को लेकर मनपा और जिला प्रशासन द्वारा 234 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था। जिसे स्वीकार कर लिया गया है। जिसके तहत, नाग नदी की सुरक्षा दिवार बनाने, क्षतिग्रस्त पुलों और सडको का निर्माण किया जाएगा। आने वाले दिनों में हम इसको लिए राशि जारी करेंगे। और चरणों में इसका काम पूरा करेंगे।”

डेढ़ साल का लगेगा समय 

वहीं घोषित कामों को पूरा करने के लिए पूछे सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “सभी कामो को चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में नाग नदी का जो प्रवाह है उसे ठीक करना है। इसके तहत इसमें जो भी अडचने आएँगी उसे ठीक करना है। जिससे आने वाले मॉनसून में दोबारा यह स्थिति पैदा न हो सके। इसके बाद अन्य कामों को किया जाएगा।” इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, जितने भी काम बताये गए हैं, उन्हें पूरा होने में डेढ़ साल का समय लगेगा।”

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