सरकार को घेरने की तैयारी
नागपुर समाचार : गुरुवार 7 दिसंबर से नागपुर में शुरू होने जा रहे विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन के लिए शहर तैयार हो गया है। बुधवार को सरकार सहित विपक्ष के सभी बड़े नेता नागपुर में होंगे। परंपरा अनुसार अधिवेशन की पूर्व संध्या पर बुधवार को सरकार द्वारा विपक्ष को चाय के लिए आमंत्रित किया है, लेकिन प्रति वर्ष अनुसार चली आ रही प्रथा को देखते हुए विपक्ष ने इस बार भी चाय-पार्टी के बहिष्कार का निर्णय लिया है। उसने बेमौसम बारिश और अतिवृष्टि से फसल नुकसान, आरक्षण को लेकर मराठा और ओबीसी समाज में उभरे मतभेदों का हवाला देते हुए राज्य सरकार पर इन विषयों को सुलझाने में असफल होने का आरोप लगाते हुए चाय-पार्टी का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
सिर्फ 10 दिन ही कामकाज
7 दिसंबर से 20 दिसंबर तक नागपुर अधिवेशन का कामकाज तय किया है। इसमें चार दिन शासकीय अवकाश होने से सिर्फ 10 दिन कामकाज होगा। 6 दिसंबर से नागपुर में सरकार रहने से प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, विधानसभा में विरोधी पक्षनेता विजय वडेट्टीवार, विधान परिषद में विरोधी पक्षनेता दानवे सहित अनेक मंत्री और बड़े नेता शहर में पहुंचेंगे।
फसल नुकसान
नवंबर के अंत में राज्य भर में बेमौसम बारिश के कारण किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। कई जगह खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है। इसे लेकर विपक्ष के कई नेताओं ने अलग-अलग जिलों का दौरा कर फसल नुकसान का आकलन किया है। फसल नुकसान को लेकर विपक्ष आक्रामक है।
आरक्षण : तेवर तल्ख
मराठा और ओबीसी समाज में आरक्षण को लेकर तल्ख तेवर बने हुए है। विपक्ष इसे सरकार प्रायोजित बताते हुए मामले को भड़काने का आरोप लगा रहा है। इन सारे मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने 11 दिसंबर को विधानभवन पर मोर्चा निकालने का ऐलान किया है, वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) द्वारा 12 दिसंबर को विधानभवन को घेरने का ऐलान किया है। इन मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार की चाय पीने से इनकार कर दिया है। इस बीच विविध संगठनों ने भी सरकार को घेरने के लिए विधानभवन पर मोर्चा निकालने का निर्णय लिया है।