नागपुर समाचार : राज्यपाल रमेश बैस ने आज महाराष्ट्र पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय और महाराष्ट्र वन विकास निगम की ओर से गोरेवाड़ा में चलाए जा रहे वन्यजीव अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र का दौरा किया। इस दौरे के दौरान राज्यपाल ने बाघ और तेंदुआ इकाई के साथ-साथ प्रयोगशाला और अस्पताल का भी निरीक्षण किया।
इस केंद्र के माध्यम से मानव वन्यजीव संघर्ष में फंसे वन्यजीव, अनाथ और घायल जानवरों का इलाज और पुनर्वास किया जाता है। यह महाराष्ट्र का एकमात्र ऐसा केंद्र है। इस केंद्र में 32 तेंदुए और 24 बाघ हैं, जबकि कई अलग-अलग प्रकार के जीव-जंतुओं का इलाज यहां किया जा रहा है।
वन्यजीवों की सुरक्षा, उनका उपचार, उपचार के बाद उनका पुनर्वास, जंगली जानवरों को प्रभावित करने वाली विभिन्न बीमारियों पर शोध करने के साथ-साथ लोगों में वन्यजीवों के प्रति सहानुभूति पैदा करने के लिए इस केंद्र के माध्यम से जन जागरूकता पैदा की जाती है। राज्यपाल रमेश बैस ने वन्य जीव अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के कार्यों की सराहना की। राज्यपाल ने वन्य जीवन के प्रति केंद्र की प्रतिबद्धता के लिए पूरी टीम की सराहना की।