नागपुर समाचार : मध्य रेलवे नागपुर मंडल के रेलवे अस्पताल के सामने शुक्रवार की शाम को एक कर्मचारी की मौत को लेकर कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए, संबंधित डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। इस बीच स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि अस्पताल प्रशासन को गेट बंद कर आरपीएफ की मदद लेनी पड़ी। आरपीएफ ने अतिरिक्त बल बुलाकर भीड़ को काबू में किया। शव लेकर जाने के बाद कर्मचारियों ने रेलवे कंट्रोल का काम लगभग एक घंटा बंद कर दिया, जिसका असर गाड़ियों के आवागमन पर पड़ा।
क्या है पूरा मामला : नागपुर मंडल कंट्रोल रूम में कंट्रोलर के पद पर तैनात सुनील नितनवरे (50) का कुछ दिन पहले मामूली एक्सिडेंट हुआ था, जिसके कारण उनकी हथेली के पास सूजन थी। सूत्रों के अनुसार हाथ में फ्रैक्चर था, जिससे उन्हें 1 जनवरी से रेलवे के अस्पताल किया गया था। शुक्रवार को एक छोटा सा ऑपरेशन करना था, जो 4 से 5 बजे के बीच शुरू हुआ था। इस बीच कर्मचारी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई और उनकी मौत हो गई। रेलवे प्रशासन के अनुसार प्राथमिक तौर पर कर्मचारी को अटैक आया था, जिसके कारण उनकी मौत हुई है, लेकिन संगठनों के कर्मचारियों ने इसे डॉक्टरों की लापरवाही बताई है।
मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी : अस्पताल में मरीज की मौत होते ही नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन व सेंट्रल रेलवे मजदूर युनियन के पदाधिकारियों व कर्मचारियों को इसकी जानकारी मिली। पहले भी इस तरह की घटनाएं यहां होने के कारण सभी आक्रोशित हो गए। एक-एक कर शाम 6 बजे से अस्पताल के सामने खड़े होने लगे। प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी और डॉक्टर पर कार्रवाई करने की मांग करने लगे। शाम 7 बजे तक प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़ने के साथ ही पूरे परिसर में तनाव की स्थिति बन गई। यह सूचना मिलते ही आरपीएफ के थाना प्रभारी के साथ कुछ सिपाही मौके पर पहुंचे। उसके बाद भीतर जाकर अंदर से दरवाजे बंद कर दिए गए।
अतिरिक्त बल बुलाया गया : कर्मचारियों द्वारा हो रही जमकर नारेबाजी के कारण भीतर मौजूद मरीज व स्टाफ सहम गए थे। घटना की जानकारी डीआरएम तुषारकांत पाण्डेय को दी गई, जिसके बाद वह तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। डीआरएम को देख कर्मचारी और भी आक्रोशित होकर कर्मचारियों की मौत का जवाब मांगने लगे। इसके बाद आरपीएफ द्वारा अतिरिक्त बल बुलाया गया। डीआरएम ने मृतक के परिजनों से मिलकर चर्चा की। उसके बाद शव को आरपीएफ के बंदोबस्त के बीच पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इसके बाद रेलवे कंट्रोल को बंद कर दिया गया।