विश्व पर्यटन केंद्र बनेगा अंभोरा, 350 करोड़ मंजूर, गडकरी-फडणवीस ने जताया भरोसा
नागपुर समाचार: तीर्थक्षेत्र अंभोरा में वैनगंगा नदी पर नवनिर्मित केबल-आधारित पुल, पुल पर आकर्षक दर्शक गैलरी का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों हुआ.
गडकरी ने कहा कि अंभोरा को विश्व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की प्लानिंग कर ली गई है. इसी प्रकार करांडला और अंभोरा को एक नए पर्यटन सर्किट के रूप में उभारा जाएगा.
फडणवीस ने कहा कि अंभोरा को जल खेल और साहसिक खेल गतिविधियां, प्रकाश और ध्वनि शो का और विकास किया जाएगा ताकि देशभर के पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके. इससे बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.
इस अवसर पर कृपाल तुमाने, सुनील मेंढे, राजू पारवे उपस्थित थे. नेताओं ने कहा कि भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के केंद्रीय सड़क निधि के तहत अंभोरा में वैनगंगा नदी पर एक बहुत ही आकर्षक केबल स्टे ब्रिज का निर्माण किया गया है. भंडारा और नागपुर जिले की सीमा पर स्थित परियोजना स्थानीय लोगों के जीवन को सुखद बनाएगी. केबल-स्टे ब्रिज एक अत्याधुनिक परियोजना रही है. मेरा मानना है कि अच्छी रोशनी, पुल के बीच में टॉवर पर बनाई गई गैलरी और आसपास की प्रकृति न केवल विदर्भ बल्कि देशभर के पर्यटकों को आकर्षित करेगी. पहले भंडारा जिले के लोग चैतन्येश्वर मंदिर के दर्शन के लिए नदी के रास्ते नाव से यात्रा करते थे. अब यह समस्या हल हो गई है. इस पुल के कारण यहां यातायात सुगम हो जाएगा. गडकरी ने कहा कि पांच नदियां कन्हान, वैनगंगा, आम, मुर्ज और कोलार मिलती हैं.
एक केबल आधारित पुल : 700 मीटर लंबे इस पुल के लिए 176 करोड़ रुपये खर्च किये गये. इस क्षेत्र के समग्र पर्यटन विकास और सौंदर्यीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा 350 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है. पुल के बीच में 40 मीटर ऊंचे दो टॉवर हैं और शीर्ष पर एक आकर्षक दर्शक दीर्घा बनाई गई है, यहां पहुंचने के लिए सीढ़ियां और लिफ्ट हैं और वीविंग गैलरी में जल्द ही एक रेस्तरां भी खोला जाएगा. इस अवसर पर विकास महात्मे, अध्यक्ष गंगाधरराव जिभकाटे, पूर्व विधायक सुधाकर कोहले, पूर्व विधायक सुधीर परवे, डॉ. राजीव पोतदार, श्याम बाबू दुबे, बाबा तितरमारे, चैतन्येश्वर मंदिर के ट्रस्टी थावकर, दिनेश नंदनवार उपस्थित थे.
मंदिर और आसपास के इलाके के विकास के लिए 350 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध कराई गई है. मंदिर को भी भव्य बनाने का निर्णय लिया गया है.