नागपुर समाचार : शहर के के.डी.के. अभियांत्रिकी महाविद्यालय को 2024-25 के शैक्षणिक वर्ष के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने स्वायत्त दर्जा प्रदान किया है. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. चंद्रहास हांडा ने शनिवार को पत्र परिषद में यह जानकारी दी. डॉ. हांडा ने विश्वास जताया कि स्वायत्त दर्जा मिलने के बाद भविष्य में उद्योगों के लिए जरूरी अभियंता प्रदान करने में उल्लेखनीय भूमिका का निर्वाह करेगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय से संलग्न के.डी.के. महाविद्यालय 1984 से कार्यरत है. चार दशकों के इस सफल में महाविद्यालय ने अभियांत्रिकी शिक्षा के क्षेत्र में अपना नाम स्थापित किया है. उसे नैक की मान्यता भी है. एनबीए द्वारा मान्यता प्राप्त पांच पाठ्यक्रम उपलब्ध है.
आईएसओ प्रमाणपत्र भी है. 43 से अधिक पीएचडी प्राध्यापक हैं. अनुसंधान के लिए अनुदान भी मिला है. इस दौरान उपप्राचार्य डॉ. अविनाश बदर, डॉ. प्रभाकर खंडाईत, डॉ. शुभांगी आंबेकर, डॉ. वालसन वरगीस, डॉ. अतुल वाघमारे, डॉ. सुनंदा खंडाईत, डॉ. जी.एच. अग्रवाल, डॉ. संजय मालोदे, डॉ. एन.आर. धमगे उपस्थित थे.
स्व. भाऊसाहब मुलक ने यह संस्था स्थापित की. महाविद्यालय के वर्तमान एवं सेवानिवृत्त शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी एवं विद्यार्थियों व पालकों के सहयोग से आज महाविद्यालय को स्वायत्त दर्जा प्राप्त हुआ है.