नागपुर:- किसानों के संकट को लेकर महाविकास आघाड़ी सरकार उदासीन है और किसी तरह की मदद नहीं कर रही है. यह सरकार किसानों के संकट पर टाइमपास कर रही है. पूर्व ऊर्जा मंत्री
चंद्रशेखर बावनकुले ने यह आरोप लगाते हुए विभागीय आयुक्त कार्यालय में आंदोलन किया. उनके नेतृत्व में किसानों और दूध उत्पादक किसानों को न्याय देने की मांग को लेकर यह आंदोलन किया गया था. एक ज्ञापन सौंपकर मांगें पूरी करने की मांग की गई.
उन्होंने कहा कि किसानों के दूध को 10 रुपये भाववृद्धि अनुदान दी जाए. दूध पावडर के लिए 50 रुपये अनुदान दी जाए. साथ ही किसानों के सारे दूध खरीदी की मांग भी की गई. उन्होंने कहा कि जिले में रोज 150 लाख लीटर दूध होता है जिसमें से 30-35 फीसदी बेकार हो जाता है. सरकार को पूरा दूध खरीदना चाहिए.
बोगस बीज से दोबारा बुआई
बावनकुले ने कहा कि बोगस बीज के चलते किसान संकट में आ गए हैं. 40 फीसदी किसानों के बीज अंकुरित ही नहीं हुए. उन्हें दोबारा बुआई की नौबत आ गई है. यूरिया की किल्लत है जिससे किसानों की लंबी कतारें दूकानों में लग रही है. बैंक किसानों को कर्ज
नहीं दे रहे हैं.
इन संकटों से किसान घिर गया है और यह सरकार, टाइमपास करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो 1 अगस्त से तहसील स्तर. पर दूध संकलन केन्द्र बंद करने का आंदोलन किया जाएगा. साथ ही उन्होंने ग्राम पंचायतों पर प्रशासक
बिठाने का काला अध्यादेश भी त्वरित रद्द करने की मांग सरकार से की.
इस दौरान पूर्व विधायक सुधीर पारवे, मल्लिकार्जुन रेड्डी, विधायक टेकचंद सावरकर, भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद गजभिये, किशोर रेवतकर, अनिल निधान, मनोज चवरे, चरणसिंग ठाकुर सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता कार्यकर्ता उपस्थित थे.