नागपुर समाचार : भारतीय रियल इस्टेट सलाहकार वेल्फेअर असोसिएशन, नागपुर की दूसरी बैठक 15 फरवरी को विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के मधुरम सभागार में आयोजित की गई। बैठक में भाग लेने वाले सलाहकार उत्साहित थे और संगठन के अधिकारियों ने ऊनका उत्साह बढ़ाया, वही उम्मीदें बरकरार रखीं जो वे पहली बैठक में लेकरं आए थे।
इस अवसर पर संस्था के सचिव मोहन बळवाईक, कार्यकारी अध्यक्ष के.एम.सुरड़कर, संस्थापक अध्यक्ष राजवीरसिंह एवं मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. डॉ. सानिया खान मौजूद रहीं। प्रास्ताविक प्रबोध देशपांडे ने जी ने किया। संस्था के सचिव मोहन बलवाईक सर ने अपने सम्बोधन में सलाहकारों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेंगे तथा सांख्यिकीय जानकारी देते हुए उन्हें इस संगठन के फोकस एवं भावी योजनाओं के बारे में बताकर अधिक से अधिक सलाहकारोंको इस संगठन से जुड़ने का आव्हान किया। संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष के.एम. सुरडकर ने अपने भाषण में पिछली गलतियों को सुधारा जाकर और अब हम विजीटों, अंतिम सौदों, कमीशन आदि के संबंध में एक स्थायी समाधान कर रहे हैं।
मार्केटिंग कंपनियों, डेवलपर्स, बिल्डरों और सलाहकारों के बीच हस्ताक्षरीत उचित दस्तावेजीकरण करनेका सुनिश्चित किया और कहां की, भविष्य में धोखाधड़ी की कोई घटना नहीं होगी । दुसरी बैठक विशेष आकर्षण थी । डाॅ. सानिया खान, जो भारतीय जनता मजदूर ट्रेड यूनियन काउंसिल, नई दिल्ली की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, साथ ही राष्ट्रीय संयोजक अल्पसंख्यक सेल, महात्मा गांधी विचार मंच और बीएएमएस कॉलेज में प्रोफेसर हैं, ऊन्होने कहा कि ऐसे संगठनों की आवश्यकता है और औपचारिक घोषणा समय आज के समय की मांग है। सभी कार्यकर्ता जो महत्वपूर्ण कड़ी हैं उन्हें सरकार ने नजरअंदाज कर दिया है और इसीलिए ऐसे संगठनों की जरूरत है। वे इस संगठन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगी और संगठन की मजबूती के लिए हमेशा मदद करती रहेंगी। उन्होंने संस्था का स्वागत करते हुए विस्तृत मार्गदर्शन किया। मेरी बात मानने और मेरे लिए इतना समय बिताने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
राजवीर सिंह ने सही कार्य कर उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया। और कहा बैठक में नए विचार लाने का बहुत अच्छा समय था। वे कह रहे थे की मैं नहीं जानता कि हम आपके लिए क्या कर सकते हैं, लेकिन हम जो कुछ भी कर सकते हैं वह करने के लिए तैयार हैं। एक पेट में और एक होंठ में, ऐसा कुछ है जो मैं कभी नहीं कर पाया और एक स्पष्ट वक्ता होने के नाते दूसरे व्यक्ति की पीड़ा को जानूंगा और उसे वह मदद दूंगा जिसका वह हकदार है।
हर समय बड़ी और छोटी रियल एस्टेट मार्केटिंग कंपनियां, ब्रोकरेज फर्म, निवेशक और ग्राहक हमारे सलाहकारों को असहाय और अज्ञानी समझकर फायदा उठाते हैं और उन्हें उनकी कमाई से वंचित करने के लिए कानूनी हथकंडे अपनाते हैं। सब कुछ वैध करने, प्रशिक्षित करने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए, हम सरकार से अनुरोध करेंगे कि पंजीकृत महारेरा सलाहकारोंको 20 लाख समूह बीमा और 5 लाख रुपये की चिकित्सा बीमा सहायता राशि प्रदान की जाए। 5 लाख की चिकित्सा बीमा राशि कम से कम पांच वर्ष के लिए होनी चाहिए।
महारेरा पंजीकरण पूर्व की भांति किया जाना चाहिए, इस क्षेत्र में काम करने वाले कम पढ़े-लिखे सलाहकारों या सेवानिवृत्त लोगों पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए और परीक्षा के बोझ के बिना ऊन्हएं पंजिकृत करें, साथ ही एक कमिटी भी होनी चाहिए जो उचित दिशानिर्देश तैयार करने के लिए गठित किया जाना चाहिए और महारेरा सलाहकारों की शिकायतों के निवारण के लिए एक अलग समिति का गठन किया जाना चाहिए। ऐसा ही एक ज्ञापन मा. पुलिस आयुक्त, महारेरा निदेशक और महाराष्ट्र राज्य सरकार को तुरंत देंगे । करीब 3 घंटे तक चली इस बैठक में सलाहकारों ने सभी सुझावों पर सहमति जताई और मंजूरी दे दी।
इस बैठक का संचालन बैंक के पूर्व प्रबंधक प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी आनंद कोहाड़ जी ने बहुत प्रभावी ढंग से किया और सलाहकारों का उत्साह बढ़ाने में सफल रहे और अंततः एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्री. संजय खोब्रागड़े द्वारा किया गया। इस बैठक में संगठन के सभी पदाधिकारियों और सलाहकारों से पूरा हॉल खचाखच भरा हुआ था। उनके द्वारा दिए गए कई सुझावों पर चर्चा के लिए जल्द ही एक और बैठक आयोजित की जाएगी। और इस बैठक का स्वरूप और भी बढ़ेगा, यह अनुरोध करते हुए यह बैठक संपन्न हुई।