नागपुर समाचार : भारतीय रियल ईस्टेट सलाहकार वेल्फेयर एसोसिएशन, नागपुर की तीसरी बैठक कल 29 फरवरी 2024 को विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रथम तल हॉल में संपन्न हुई। एक के बाद एक, बैठक से हॉल भर गया और सलाहकार यह देखने के लिए उत्साहित थे कि क्या अलग था और कई नए सलाहकार उन उम्मीदों पर खरे उतरे जिनकी वे पहली और दूसरी बैठक में आए थे। साथ ही अच्छा रिस्पॉन्स भी दिया।
इस अवसर पर संस्था के पी.आर.ओ. श्री. राजेश चौहान, कार्यकारी अध्यक्ष श्री. के.एम. सुरडकर, संस्थापक अध्यक्ष श्री. राजवीरसिंह एवं मुख्य अतिथि के रूप में प्रेरक वक्ता श्री. कैलाश तानकर उपस्थित थे।
संस्था के पी.आर.ओ. श्री. राजेश चौहान सर ने अपने संबोधन में सलाहकारों के भविष्य के कल्याण के बारे में बताया। संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष श्री. के. एम. सुरडकरजी ने अपने संबोधन में विजिट, फाइनल डील, कमीशन आदि के बारे में बात की। इसमें उल्लेख किया गया है कि यदि सही तरीके से दस्तावेजीकरण किया गया है और मार्केटिंग कंपनियों, डेवलपर्स, बिल्डरों और सलाहकारों के हस्ताक्षर दोनों के बीच एक बंधन के रूप में बने हुए हैं, तो भविष्य में कोई धोखाधड़ी नहीं होगी।
एक अत्यंत प्रेरणादायक व्यक्तित्व, जिनका परिचय बहुत कुछ कहता है, बॉलीवुड के सबसे बड़े सम्मान “आईफा अवार्ड” के विजेता (मोटिवेशनल स्पीकर), दो व्यक्तिगत और दो समूहों में चार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स विजेता, विश्व प्रसिद्ध गायिका स्वर्गीय लतादीदीकी सुरक्षा टीम में पुलिस अधिकारी, पुलिस विभाग में कई पदों पर रहे और तानकर संगीत अकादमी के निदेशक, गायक और प्रेरक वक्ता सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक श्री. कैलाश तानकरजी कल के मुख्य आकर्षण थे। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत प्रसिद्ध कवि सोहनलाल द्विवेदी द्वारा लिखित और बॉलीवुड सम्राट अमिताभ बच्चन द्वारा प्रस्तुत एक खूबसूरत कविता “कोशिश करने की कभी हार नहीं होती” से की। वे कह रहे थे।
ऐसा कहा जाता है कि, व्यक्ति अपने कर्मों से गरीब या अमीर बनता है। भारत के सबसे अमीर आदमी अदानी और दुनिया के सबसे अमीर आदमी ऐलन मस्क की मजेदार कहानियां बताते हुए कहां की वे कैसे अमीर बने और हमें क्या करने की जरूरत है ?, उन्होंने कहा, “सफल लोग अलग-अलग चीजें नहीं करते हैं, वे चीजों को अलग तरीके से करते हैं”। भारतीय रियल ईस्टेट सलाहकार एसोसिएशन का एक बहुत ही सराहनीय कदम है और इससे निश्चित रूप से सलाहकारों को लाभ और विकास होगा और उन्होंने एक सुंदर गीत “या जन्मावर या जगण्यावर” गाकर दर्शकों को प्रोत्साहित किया। उनकी उपस्थिति अत्यंत प्रभावी एवं कुशल थी। जो सलाहकार निराश थे उनमें आशा की एक किरण जगी और इसमें कोई संदेह नहीं कि यह संगठन जल्द ही फलेगा-फूलेगा, फल देगा और ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।
संस्था के संस्थापक अध्यक्ष श्री. राजवीरसिंह ने सटीक काम करके बैठक में उपस्थित नए सलाहकारों को सांत्वना दी और सभी को आश्वस्त किया कि अगर ईमानदारी से काम किया जाए तो यह रियल ईस्टेट व्यवसाय कितना उपयोगी और उत्थानकारी है। संगठन द्वारा भविष्य में प्रशिक्षण, महारेरा पंजीकरण प्रक्रिया और धोखाधड़ी को रोकने के उपायों पर जोर दिया गया।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि हम आपके लिए क्या कर सकते हैं लेकिन हम जो भी कर सकते हैं करने के लिए जरूर तैयार रहेंगे। सब कुछ कानून के दायरे में लाने, उन्हें प्रशिक्षित करने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए, हम सरकार से निवेदन करेंगे। पंजीकृत महारेराओं को 20 लाख समूह बीमा और 5 लाख रुपये की चिकित्सा बीमा सहायता राशि प्रदान करने का भी अनुरोध करेंगे। 5 लाख की चिकित्सा बीमा राशि कम से कम पांच वर्ष के लिए होनी चाहिए, महारेरा पंजीकरण पूर्व की भांति किया जाना चाहिए, इस क्षेत्र में काम करने वाले कम पढ़े-लिखे सलाहकारों या सेवानिवृत्त लोगों पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए और परीक्षा के बोझ के बिना ऊन्हे पंजिकृत करना चाहिए। साथ ही एक समिती भी गठित होनी चाहिए जो उचित दिशानिर्देश तैयार करें और महारेरा सलाहकारों की शिकायतों के निवारण करें। उनके अथक प्रयासों के कारण, महारेरा पंजीकरण शुल्क पर जो जीएसटी लगाया जाता था अब इसे रद्द कर दिया गया है। और यह ईस संघटन की पहली उपलब्धि है। और ऐसी उपलब्धियाँ मिलती रहीं तो सभी होनहार सलाहकारों ने एकजुट होकर संगठन को मजबूत बनाकर ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनने चाहिए। हमने माननीय पुलिस आयुक्त को एक ज्ञापन दिया है, उनसे प्रभावी राहत मिलने पर हम भी इसे उद्धृत करेंगे।
करीब ढाई घंटे तक चली इस बैठक में सलाहकारों ने सभी सुझावों को स्वीकार कर मंजूरी दे दी। इस बैठक का संचालन प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी श्री. संजय सोनारकर ने किया तथा मुख्य अतिथिका परिचय श्री. आनंद कोहाड़ द्वारा किया गया। इस बैठक में संगठन के सभी पदाधिकारियों और सलाहकारों से पूरा हॉल खचाखच भरा हुआ था। उनके द्वारा प्रस्तुत कई सुझावों पर चर्चा के लिए जल्द ही ऐसी प्रभावी बैठकें आयोजित की जाएंगी और ऐसी बैठकों का स्वरूप और बढ़ेगा। बैठक सफल और सफल रही।