कामठी/कन्हान समाचार : क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों के लिए शिक्षा के दरवाजे खोले, जिससे महिलाएं हर क्षेत्र में शिक्षा के दम पर सम्मान का स्थान हासिल कर रही हैं। ऐसा प्रतिपादन अधि. सुलेखा कुंभारे ने किया। विश्व महिला दिवस निमित्त ‘निर्धार’ महिला व बाल विकास समिति की ओर से उत्तर नागपुर स्थित डॉ. बाबासाहब आंबेडकर आंतरराष्ट्रीय कनवेंशन सेंटर में आयोजित ‘निर्धार’ पुरस्कार -2024 वितरण समारोह में किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधि. सुलेखा कुंभारे ने की।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को निर्धार महिला पुरस्कार-2024 प्रदान किया गया। उन्होंने आगे कहा कि क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का साधन मानकर अपना पूरा जीवन महिलाओं की मुक्ति के लिए समर्पित कर दिया। सावित्रीबाई और महात्मा फुले के आदर्शों को सामने रखा डा. बाबासाहब आंबेडकर ने भारतीय संविधान के माध्यम से स्थापित कानूनों के माध्यम से भारतीय महिलाओं को सभी प्रकार के अधिकार और शक्तियां प्रदान की।
यही कारण है कि आज भारत में महिलाएं शिक्षा, साहित्य, कला, संस्कृति, खेल, सामाजिक सरोकार, राजनीति, अर्थशास्त्र, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। शुरुआत में क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले की 127 वीं स्मृति दिवस पर सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा पर अधि. सुलेखा कुंभारे व अतिथियों के हाथों मार्ल्यापण कर अभिवादन तथा दीप प्रज्वलित किया गया।
इस अवसर पर माया इवनाते, डा. सबीहा खान, डा. सरिता मिलींद माने, रोशनी सिद्धार्थ गायकवाड, डा. सविता कांबले, रूबीना अजमत अंसारी, डा. प्रज्ञा मेश्राम आदि ने भी मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम में सुलेखा कुंभारे के हाथों विविध क्षेत्राें में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को निर्धार महिला पुरस्कार – 2024, स्मृति चिन्ह व पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। जिसमे सामाजिक क्षेत्र के लिए वंदना अरविंद राऊत, बबीता सतीश भैसारे, रंजीता विनोद दहिवले, माया इवनाते, शैक्षणीक क्षेत्र के लिए रूबीना अजमत अंसारी, साहित्यीक क्षेत्र के लिए डा. सविता कांबले, कला क्षेत्र के लिए पुर्वाक्षी मनोज तातोडे, क्रीडा क्षेत्र के लिए साक्षी बांर्बोडे, पत्रकारिता क्षेत्र के लिए सरिता राजन, वैद्यकीय क्षेत्र के लिए डा. प्रज्ञा मेश्राम आदि का समावेश है। संचालन नंदा गोडघाटे, प्रास्ताविक माया कांबले तथा आभार प्रदर्शन अस्मिता बागडे ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।