नागपुर समाचार : १९ अप्रैल को होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिए आज दोपहर ३ बजे तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकेंगे और उसके बाद तस्वीर साफ होगी। हालांकि नागपुर लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला महायुति के उम्मीदवार नितिन गडकरी तथा महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार विकास ठाकरे के बीच होना पहले से ही तय हो चुका है। बाकी जो उम्मीदवार मैदान में बचेंगे, उनके जीतने की संभावना दूर-दूर तक भले ही न हो लेकिन वे ‘वोटकटवा’ की भूमिका जरूर अख्तियार करेंगे। उम्मीदवारी की घोषणा होने के साथ ही भाजपा के नितिन गडकरी ने अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया था जबकि उम्मीदवारी घोषित होने में कुछ विलंब होने से विकास ठाकरे प्रचार अभियान में कुछ पिछड़ गए। हालांकि विकास ठाकरे को उम्मीदवारी मिलने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जो जोश दिखाई दे रहा है, उसे देखकर साफ लगने लगा है कि इस बार का लोकसभा चुनाव नितिन गडकरी के लिए पूरी तरह एकतरफा नहीं होगा। मुकाबला रोचक होगा और संघर्ष भी जबर्दस्त होगा। यही कारण है कि अब ३१ मार्च रविवार से नितिन गडकरी तथा विकास ठाकरे अपना प्रचार अभियान और अधिक तेज कर देंगे। १७ अप्रैल को शाम ५ बजे प्रचार अभियान शांत हो जाएगा तथा १९ अप्रैल को मतदान होगा। यानी दोनोंउम्मीदवारों के पास प्रचार के लिए फिलहाल १८ दिन का समय है और इन १८दिनों को १८० दिन बनाने में दोनों कोईकसर बाकी नहीं रखेंगे।
जहां तक गडकरी की बात है, उनका दावा अधिक पुख्ता है लेकिन उन्हें विकासठाकरे से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना नजर आ रही है। विकास ठाकरे की सेना पिछले कुछ घंटों से जबर्दस्त जोश में दिखाई दे रही है और लगातार बैठकों, सम्मेलनों का दौर जारी है। हालांकि नागपुर में भाजपा के पदाधिकारी हर बूथ पर मजबूत स्थिति में हैं। भाजपा का प्रचार अभियान कल से नए अंदाज में शुरू होगा। फिलहाल घर चलो अभियान के तहत हर भाजपा नेता, पदाधिकारी, कार्यकर्ता घर-घर पहुंच रहा है। नेता लोग अपने-अपने इलाके को ही संभाल रहे हैं जबकि गडकरी समूचे इलाके में भ्रमण कर रहे हैं। भाजपाई महिलाओं को भी काफी मेहनत करते हुए देखा जा रहा है जबकि कांग्रेस में पुरुष पदाधिकारी व कार्यकर्ता ज्यादा सक्रिय दिखाई दे रहे हैं।
विधानसभा गणित पर नजर
कांग्रेस की नजर नागपुर में २०१९ में हुए विधानसभा चुनाव के गणित पर टिकी हुई है और यही गणित कांग्रेस में उत्साह भरने का कार्य कर रहा है। उस चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर नागपुर तथा पश्चिम नागपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सफलता हासिल की थी। नितिन राउत तथा विकास ठाकरे चुनाव में सफल रहे थे जबकि दक्षिण में गिरीश पांडव तथा मध्य नागपुर में युवा नेता बंटी शेलके ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। दक्षिण में भाजपा के मोहन मते तथा मध्य नागपुर में भाजपा के विकास कुंभारे बेहद कम वोटों से जीत पाए थे। इस बार कांग्रेस को उत्तर-पश्चिम के अलावा दक्षिण-मध्य नागपुर में भी अच्छे परिणाम की उम्मीद है।
गडकरी का प्रभाव
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भले ही शहर में अच्छा प्रदर्शन किया हो लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव है और लोकसभा चुनाव में मतदाताओं का ‘माइंड’ बदल जाता है। इसके अलावा चुनाव मैदान में भाजपा की ओर से नितिन गडकरी के रूप में ‘हेवीवेट’ नेता तीसरी बार उतरे हैं और गडकरी के कार्यों से हर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता जबर्दस्त प्रभावित हैं। उन्हें सभी वर्ग के लोगों के काम करने वाले नेता के रूप में प्रसिद्धी मिल चुकी है। गडकरी ही एकमात्र ऐसे भाजपा नेता हैं जिन्हें शहर के मुस्लिम मतदाता भी पसंद करते हैं। हालांकि चर्चा यह भी चल रही है कि कुछ भाजपाई विकास ठाकरे की मदद अंदरूनी रूप से कर सकते हैं, भाजपा को इससे सतर्क रहना होगा।
विकास ठाकरे की स्थिति
जहां तक कांग्रेस उम्मीदवार विकास ठाकरे की बात है, उन्हें गडकरी से कड़े मुकाबले के लिए अत्यधिक पसीना बहाना पड़ेगा। एक-एक वोट बेहद कीमती साबित होगा और इसे हासिल करने की जी तोड़ कोशिश करनी होगी। दलित-मुस्लिम के अलावा विकास की नजर उत्तर भारतीय मतदाताओं पर रहेगी जो भाजपा के कट्टर समर्थक बताए जा रहे हैं। अब कांग्रेस नागपुर में क्या रणनीति अपनाती है, यह अगले सप्ताह ही साफ हो पाएगा।