नागपूर/भंडारा समाचार : कथा वाचक और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री की मुश्किलें बढ़ गई है। भंडारा पुलिस ने शास्त्री के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने को लेकर मामला दर्ज कर लिया है। जिला एसपी मोहित मतानी ने जानकारी देते हुए बताया कि, “परमात्मा एक के गुरु महान त्यागी बाबा जुमदेवजी” के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने को लेकर हमारे पास बागेश्वर धाम के बाबा के खिलाफ शिकायत आई थी। जिसपर हमने शिकायत दर्ज कर ली है और आग की कार्रवाई की जा रही है।
क्या कहा था शास्त्री ने?
धीरेन्द्र शास्त्री की राम कथा भंडारा जिले के मोहड़ी में शुरू है। कथा के दौरान शास्त्री ने मानवता की शिक्षा देने वाले महान त्यागी बाबा जुमदेवजी और उनके परमात्मा एक सेवक के बारे में टिप्पणी की थी। शास्त्री ने कहा था कि, नागपुर और भंडारा क्षेत्र में एक विशेष संप्रदाय को मानने वाला वर्ग है। वे हनुमानजी का सम्मान करते हैं। हालांकि, हनुमानजी की पूजा नहीं की जाती है। श्राद्ध मत करो, माता-पिता की तस्वीर मत रखो, राम-राम मत बोलो, जय गुरुदेव बोलो। जो हनुमान जीवन भर राम-राम बोलते रहे, उनके उपासक राम-राम नहीं कहेंगे। यह तो हद है। शास्त्री ने आगे कहा, यानी रसगुल्ला तो खाना है लेकिन शुगर नहीं है। जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें कान खोलकर सुन लेना चाहिए कि आपके पूर्वज तो नरक में गए ही, आपकी आने वाली पीढ़ी भी नरक में जाएगी। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा था कि, हनुमानजी को ऐसी भक्ति कभी पसंद नहीं है।
उपासकों ने थाने का किया घेराव?
धीरेन्द्र शास्त्री की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। शनिवार शाम आयोजित भागवत सप्ताह के दौरान हनुमानजी की पूजा को लेकर महान त्यागी बाबा जुमदेवजी और उनके सेवकों के खिलाफ विवादित बयान दिया गया था. इससे आहत होकर परमात्मा एक सेवक और महान त्यागी बाबा जुमदेवजी को मानने वाले कार्यकर्ताओं ने बीती रात जिले के विभिन्न थानों में बागेश्वर बाबा के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी. वहीं भंडारा से विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने भी पुलिस से कार्रवाई करने की मांग की थी।
नागपुर में भी लोगों ने किया थाने का घेराव
भंडारा सहित नागपुर में भी धीरेन्द्र शास्त्री के खिलाफ मामला दर्ज करने और कार्रवाई की मांग करते हुए 300 से 400 लोगों ने कलमना थाने का घेराव किया। इस दौरान सभी ने शास्त्री के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। लोग बेहद उग्र दिखाई दिए, जिसके कारण पुलिस को उन्हें संभालने में काफी मशक्क्त करनी पड़ी।