नागपुर समाचार : राज्य सरकार ने बिजली चोरी और लंबित राशि को कम करने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय लिया है. इसके तहत तमाम सार्वजनिक और सरकारी कार्यालयों सहित घरों में पुराने मीटर से नए स्मार्ट मीटर से बदलने का काम भी शुरू कर दिया है. हालांकि, सरकार के इस निर्णय का जोरदार विरोध भी किया जारहा है. बढ़ते विरोध को देखते हुए महावितरण ने बड़ा निर्णय लिया है. इसके तहत महावितरण ने आम ग्राहकों के घरों में स्मार्ट मीटर नहीं लगाने का निर्णय लिया है. इसी के साथ विभाग ने जनता को विश्वास में लेकर आगे काम करने की बात कही है.
महावितरण ने गुरूवार को बड़ा फैसला लेते हुए आम जनता को राहत दी है. दरअसल, महावितरण ने अपनी बड़ी योजनाओ में से एक स्मार्ट प्रीपेड मीटर को घरो में नहीं लगाने का फैसला लिया है. हलाकि, महावितरण द्वारा सभी सबस्टेशन और ट्रांसफार्मर और सभी सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू रहेगा. इस संदर्भ में महा- वितरण ने प्रेस रिलीज जारी कर यह सूचना दी है. महावितरण के इस फैसले से नागपुर सर्कल के करीब 10 लाख ग्राहकों को राहत मिली है.
फिलहाल टाल दिया गया प्लान
बता दे की महावितरण द्वारा राज्य भर में 2 करोड़ 41 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरुवात की थी. हालांकि महा- वितरण के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया. बताया गया की इस योजना से गरीब तबके के ग्राहकों को भारी समस्या होगी. वही, कुछ संगठनों को डर है की स्मार्ट मीटर से करीब 20 हजार कर्मचारी बेरोजगार हो जायेंगे. यही वजह है की भारी विरोध के बाद सरकार ने फिलहाल इस योजना को टाल दिया है.